जुलाई महीने में घटकर 2.1 फीसद रही कोर सेक्टर की विकास दर, 4 सेक्टर्स में नेगेटिव ग्रोथ
इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट में कोयला क्रूड ऑयल और विधुत जैसे आठ सेक्टर्स शामिल होते हैं। इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है।
By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 08:30 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इस साल जुलाई महीने में आठ कोर सेक्टर्स (इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट) की विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, न्यूज एजेंसी पीटीआइ ने बताया है कि आठ कोर सेक्टर्स में जुलाई महीने में ग्रोथ रेट 2.1 फीसद रही है. जबकि पिछले साल इसी महीने यह 7.3 फीसद रही थी। इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट में कोयला, क्रूड ऑयल और विधुत जैसे आठ सेक्टर्स शामिल होते हैं। इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ कोर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट में कमी का कारण कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों में संकूचन रहा है। आठ कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट्स, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और विद्युत आती हैं।
सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों के उत्पादन में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज हुई है। अप्रैल से जुलाई माह की अवधि में इन आठ सेक्टर्स में ग्रोथ रेट 3 फीसद रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह दर 5.9 फीसद रही थी।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ कोर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट में कमी का कारण कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों में संकूचन रहा है। आठ कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट्स, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और विद्युत आती हैं।
सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और रिफायनरी उत्पादों के उत्पादन में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज हुई है। अप्रैल से जुलाई माह की अवधि में इन आठ सेक्टर्स में ग्रोथ रेट 3 फीसद रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह दर 5.9 फीसद रही थी।
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