Covid-19 के बाद भारत में कॉन्ट्रैक्ट जॉब की आएगी ज्यादा डिमांड : कौस्तुभ सोनलकर
कौस्तुभ सोनलकर ने कहा कि आज के वक्त में बिजनेस स्ट्रैटजी की बात करें तो अब इंडस्ट्री कोविड-19 जैसे स्थिति को मद्देनजर रखकर अपनी तैयारी करेगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Jagran Hitech कन्वर्सेशन की नई सीरीज #NayaBharat के इस एपिसोड में हमारे साथ हैं Essar Foundation के CEO और Essar के एचआर के ग्रुप प्रेसिडेंट कौस्तुभ सोनलकर। कौस्तुभ सोनलकर से Jagran Hitech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने कोविड-19 के बाद की चुनौतियों समेत इंडस्ट्री से जुड़े तमात तरह के मुद्दों पर बातचीत की। आइए इस बातचीत को विस्तार से जानते हैं:
सिद्धार्था शर्मा- कोविड-19 के चलते कारोबार पर क्या असर पड़ा है?
कौस्तुभ सोनलकर- आज से पहले कभी ऐसी महामारी नहीं देखी गई। ऐसे में इस महामारी से कैसे निपटा जाए, इसे लेकर किसी के पास कोई खासा अनुभव नहीं था। लेकिन इसके बावजूद भारत ने इस चुनौती का सामना दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा बेहतरीन ढंग से किया। यह भारत के लिए काफी मुश्किल था, क्योंकि भारत के पास विशाल क्षेत्रफल होने के साथ ही दुनिया की बड़ी जनसंख्या है। ऐसी जियोग्राफी वाले देश के लिए इस तरह से महामारी का सामना करना काफी काबिलेतारीफ है। अगर बिजनेस की बात करें, तो उस पर कोविड-19 का असर तो पड़ा ही है। साथ ही कई बिजनेस पूरी तरह से नुकसान में जा रहे हैं। टूरिज्म, एविएशन, ट्रैवेल बिजनेस पर इसका साफ असर देखा जा रहा है। वहीं फैशन रिटेल कारोबार पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। लेकिन पॉजिटिव वे में देखें, तो इसका फायदा भी रहा है। दरअसल मोदी जी ने भारत को डिजिटल इंडिया बनने का जो ख्वाब देखा था, वो सपना कोविड-19 की वजह काफी हद तक पूरा हो गया है। कोविड-19 के बाद से ही हम और आप इलेक्ट्रॉनिक मीडियम से बातचीत कर रहे हैं। भारत वर्क फ्रॉम होम की तरफ तेजी से बढ़ा। टेक्नोलॉजी को एक्सेप्ट करने में तेजी दर्ज की गई है। हमारी जैसे एसेंशियल सर्विस वाली कंपनियों पर कोविड-19 का ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
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सिद्धार्था शर्मा- नई बिजनेस स्ट्रैटजी के तहत एसेंशियल और नॉन एसेंशियल को आप किस तरह से देखते हैं?
कौस्तुभ सोनलकर- आज के वक्त में बिजनेस स्ट्रैटजी की बात करें, तो अब इंडस्ट्री कोविड-19 जैसे स्थिति को मद्देनजर रखकर अपनी तैयारी करेगी। लोगों को वर्चुअल कनेक्ट करने की कोशिश होगी। इससे कॉस्ट कटिंग भी जा सकेगी।
सिद्धार्था शर्मा- कोविड-19 के बाद एचआर के रोल को कैसे देखते हैं? एचआर की तरफ से किस तरह के मैनफोर्स को हायर किया जाएगा?
कौस्तुभ सोनलकर- एचआर का रोल मेंटल हेल्थ पर होगा। बाकी इंगेजमेंट पर फोकस रहेगा। इंटरैक्शन पर भी फोकस रहेगा। अगर हमारी जैसी कंपनी की बात करें, तो हमारा बिजनेस भारत के भारत भी फैला है। ऐसे में हम ऐसी वर्कफोर्स चाहेंगे, जो कल के लिए तैयार हों। मतलब कंपनियों का रोजगार देने का पैमाना बदल जाएगा। वर्क फ्रॉम होम एक नॉर्म्स बन जाएगा. भारत में वर्क फ्रॉम होम को काफी सही ढ़ंग से एक्सेप्ट किया गया। यह नेक्स्ट जेनरेशन के लिए नॉर्म्स बन जाएगा। देश में कंट्रैक्चुअल एम्पलायमेंट बढ़ जाएगा। लोगों के पास एक वक्त में कई सारे काम करने की साहूलियत बढ़ जाएगी।
सिद्धार्था शर्मा -कोविड-19 के दौर में कंपनी की तरफ से क्या मुहिम शुरू की गई है? इस बारे में कुछ बताइए?
कौस्तुभ सोनलकर- कोविड-19 के दौर में हमने बिना शोर किए कई तरह से लोगों की मदद की है। महाराष्ट्र में हमने करीब 20 लाख लोगों को खाना पहुंचाने का काम किया है। इसके अलावा गुजरात समेत दुनियाभर में लोगों तक खाना पहुंचाया है। हमने पीपीई किट, मास्क जैसे मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराने का काम किया है। हमने मुख्य रूप से माइग्रेंट, ट्रांस जेंडर की संकट के दौर में मदद की है। साथ ही सीएम मील फंड के जरिए भी राज्यों को मदद पहुंचाई है। कोविड-19 के दौर में सेनेटरी पैड को नजरअंदाज कर दिया गया था। लेकिन हमने इस पर फोकस किया, क्योंकि यह सैनिटाइनजेशन का अहम हिस्सा है। हमने महाराष्ट्र में 5 लाख सैनेटरी पैड की सप्लाई की है। इसके साथ ही हमने झारखंड और कश्मीर में सैनेटरी पैड की सप्लाई की है।
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सिद्धार्था शर्मा - आप बिजनेस प्वाइंट ऑफ व्यू से नए भारत को कैसे देखते हैं?
कौस्तुभ सोनलकर- मेरे मुताबिक जब भी कोई महामारी या युद्ध के हालात हुए हैं, तो इसके अगले 6 माह बाद तक अर्थव्यस्था थोड़ी सुस्ती रहती है। लेकिन इसके बाद इसमें अचानक तेजी दर्ज की जाती है। बाकी देशों के मुकाबले भारत पर दुनियाभर में ज्यादा फोकस किया जाएगा। यहां पर काफी संख्या में नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर भारत को इस पूरी स्थिति में फायदा ही होगा। ऐसे में हमें अलगे 6 माह को इन-कैश करना होगा। साथ ही अगले 6 माह के लिए हमें प्लान तैयार करना होगा।