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New Year 2022: नए साल में भी छाए रहेंगे IPO, कंपनियां जुटा सकती हैं 1.5 लाख करोड़ रुपये

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि 2022 में उत्साह कुछ कम होगा। प्रभुदास लीलाधर के निवेश उत्पाद प्रमुख पीयूष नागदा ने कहा कि अगले साल बाजार की धारणा कोविड-19 के नए स्वरूप के कारण प्रभावित होगी और ऐसे में अनिश्चितता बाजारों और अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 09:56 AM (IST)
New Year 2022: नए साल में भी छाए रहेंगे IPO, कंपनियां जुटा सकती हैं 1.5 लाख करोड़ रुपये
Companies likely to garner Rs 1 5 lakh cr through IPO this new year

नई दिल्ली, पीटीआइ। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) नए साल में भी दलाल पथ को गुलजार करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों को 2021 की तेजी के बाद 2022 में भी आईपीओ से 1.5 लाख करोड़ रुपये तक जुटाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि आईपीओ के लिए 2021 भारतीय बाजार में पिछले पिछले दो दशकों में सबसे बढ़िया साल रहा। अत्यधिक नकदी और खुदरा निवेशकों की बढ़ी हुई भागीदारी ने आईपीओ के क्षेत्र में उत्साह को लगातार बनाए रखा, और महामारी की निराशा के बीच इस साल कंपनियों ने 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए।

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वर्ष 2022 में प्राथमिक बाजार के जरिये बड़े पैमाने पर धन जुटाने की शुरुआत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एक बड़े आईपीओ से होगी। इसके अलावा नए जमाने के कई डिजिटल खिलाड़ी आईपीओ बाजार में उतरने के लिए तैयार हैं। इक्विरस में इक्विटी पूंजी बाजार के प्रबंध निदेशक और प्रमुख वेंकटराघवन एस ने कहा कि ब्याज दरें बढ़ने के साथ मौजूदा खुमारी में कुछ कमी हो सकती है, लेकिन ये महत्वपूर्ण स्तर पर बना रहेगा। हालांकि, महामारी को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज में खुदरा क्षेत्र के सीईओ संदीप भारद्वाज ने कहा कि 2022 में आईपीओ के जरिये पूंजी जुटाने में नया रिकॉर्ड बनाया जा सकता है और एलआईसी का आईपीओ वैश्विक निवेशकों का ध्यान भी खींचेगा। वैश्विक सलाहकार फर्म ईवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लिए 2021 दो दशकों में सर्वश्रेष्ठ आईपीओ वर्ष रहा।

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि 2022 में उत्साह कुछ कम होगा। प्रभुदास लीलाधर के निवेश उत्पाद प्रमुख पीयूष नागदा ने कहा कि अगले साल बाजार की धारणा कोविड-19 के नए स्वरूप के कारण प्रभावित होगी और ऐसे में अनिश्चितता बाजारों और अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही है।

फर्स्ट वॉटर कैपिटल फंड (एआईएफ) के लीड प्रायोजक रिकी कृपलानी ने अनुमान जताया कि 2022 आईपीओ बाजारों के लिए 2021 जितना उत्साहजनक नहीं होगा, खासतौर से यह देखते हुए कि हाल में पेटीएम जैसे कुछ बड़े सार्वजनिक निर्गमों ने सूचीबद्ध होने के बाद अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।


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