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बिजली क्षेत्र के लिए 27 फीसद बढ़ी कोयले की आपूर्ति, संकट से निजात

दूसरी ओर अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने से बिजली की मांग 24 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कोयले की कमी और इससे बिजली आपूर्ति पर प्रभावों को देखते हुए छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ कोयला खदानों का दौरा भी किया था।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 08:52 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 06:09 AM (IST)
बिजली क्षेत्र के लिए 27 फीसद बढ़ी कोयले की आपूर्ति, संकट से निजात
Coal supply increased by 27 percent for power sector electricity crisis solved

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोयले की कमी के कारण बिजली सेक्टर पर मंडराता संकट अब छंटने लगा है। कम कोयला स्टाक का सामना कर रहे देश के विभिन्न ताप बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाई गई है। हालिया आंकड़े बताते हैं बिजली की बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे होते कोयले के बीच अक्टूबर, 2021 में बिजली क्षेत्र को 27.13 प्रतिशत ज्यादा कोयले की आपूर्ति की गई।अक्टूबर, 2021 में बिजली क्षेत्र को 5.97 करोड़ टन कोयला आपूर्ति की गई।

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पिछले साल अक्टूबर में बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 4.68 करोड़ टन रही थी। हाल के महीनों में दुनियाभर में कोयला संकट दिखा था। चीन में बिजली संकट भी सामने आ गया था। भारत में भी जिस तरह से विभिन्न ताप बिजली घरों के पास कोयला स्टाक लगभग समाप्त हो गया था, उससे देश में बिजली संकट की आशंका जताई जाने लगी थी।

कोयला संकट में जहां एक ओर वैश्विक बाजार में महंगे होते कोयले की भूमिका थी, तो दूसरी ओर मानसून के कारण कई कोयला खदानों के प्रभावित होने से भी आपूर्ति में मुश्किल आ रही थी। केंद्र सरकार लगातार इस संकट से निपटने की दिशा में जरूरी कदम उठाने के लिए कंपनियों को निर्देश दे रही थी। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल में कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि नवंबर के अंत तक ताप बिजली घरों के पास कम से कम 18 दिन का कोयला भंडार रहे।

घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद कोल इंडिया अस्थायी रूप से बिजली उत्पादकों को कोयले की आपूर्ति में प्राथमिकता दे रही है। केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों के प्रमुखों को इस दिशा में बढ़ने के लिए संशोधित लक्ष्य निर्धारित करने और विस्तृत रणनीति बनाने को भी कहा था। मंत्री का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतें तीन गुना तक हो गई हैं, जिससे देश का कोयला आयात 38 प्रतिशत कम हुआ है।

दूसरी ओर अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने से बिजली की मांग 24 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कोयले की कमी और इससे बिजली आपूर्ति पर प्रभावों को देखते हुए छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ कोयला खदानों का दौरा भी किया था। अन्य सेक्टर में कटौतीसरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने स्पंज आयरन सेक्टर को कोयले की आपूर्ति में 29.2 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 6.5 लाख टन से घटकर 4.6 लाख टन पर आ गई। सीमेंट क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 6.8 लाख टन से 4.7 लाख टन रह गई। इस्पात और सीमेंट के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी कोयले की आपूर्ति घटकर 41.9 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 67.1 लाख टन थी।


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