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EXIM बैंक में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार, निर्यात को मिलेगी मजबूती

एक्जिम बैंक में मार्च से पहले 4,500 करोड़ रुपये डाले जाएंगे और 1,500 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में डाले जाएंगे।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 06:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:40 AM (IST)
EXIM बैंक में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार, निर्यात को मिलेगी मजबूती
EXIM बैंक में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार, निर्यात को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बैंक को यह पूंजीगत मदद दो सालों के दौरान दी जाएगी।

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बैंक के पूंजी कोष में हुए इजाफे से निर्यात को वित्त प्रदान करने की बैंक की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'एक्जिम बैंक में मार्च से पहले 4,500 करोड़ रुपये डाले जाएंगे और 1,500 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में डाले जाएंगे।'

गोयल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने एक्जिम बैंक की अधिकृत पूंजी को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दे दी है। भारतीय निर्यात-आयात बैंक में नई पूंजी लगाने के लिए भारत सरकार 6,000 करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण बांड जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग में निर्यात की बहुत बड़ी संभावना है और इस कदम से एक्जिम बैंक के कर्ज देने की क्षमता में पर्याप्त इजाफा होगा, जिससे वह कपड़ा निर्यातकों को बेहतर मदद करने में सक्षम होगा। गोयल ने यह भी कहा कि एक्जिम बैंक को मजबूती प्रदान करने से देश के रणनीतिक हितों को हासिल करने में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि 2017 में सरकार ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की थी। सरकार की तरफ से दी जाने वाली पूंजीगत सहायता 20 सरकारी बैंकों को मार्च 2019 तक दी जानी है ताकि वह वैश्विक मानकों के मुताबिक नियामकीय पूंजी के स्तर को पूरा कर सकें। इसमें से 58,000 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को वित्तीय बाजार से जुटानी थी, लेकिन बैंक ऐसा करने में नाकाम रहे हैं। इसलिए सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अतिरिक्त खर्च की मंजूरी लेनी पड़ी। अतिरिक्त रकम जुटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

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