कोयला नीलामी से बेहद महंगे होते सीमेंट, स्टील
कोलकाता [जासं]। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पिछले एक दशक से जारी बगैर नीलामी कोयला ब्लॉकों के आवंटन को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो सीमेंट और स्टील की कीमतें आज जहां हैं, उससे बहुत ऊपर होतीं। श्रीप्रकाश बुधवार को कोल इंडिया के मुख्यालय में समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से मुखातिब थे।
कोलकाता [जासं]। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पिछले एक दशक से जारी बगैर नीलामी कोयला ब्लॉकों के आवंटन को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो सीमेंट और स्टील की कीमतें आज जहां हैं, उससे बहुत ऊपर होतीं। श्रीप्रकाश बुधवार को कोल इंडिया के मुख्यालय में समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से मुखातिब थे।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] की रिपोर्ट में बिना नीलामी के कोयला ब्लॉकों को सरकारी और गैरसरकारी कंपनियों को आवंटित करने से सरकार को करीब 10 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट से जुड़े प्रश्न पर जायसवाल ने पलटकर पूछा, 'क्या आपके पास रिपोर्ट है, जिसमें राजस्व घाटे की बात कही गई है। वर्ष 1993 से लेकर 2009 तक देश में कोयला ब्लॉकों का आवंटन एक नीतिगत फैसले के तहत होता रहा है। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं अन्य सरकारों ने भी इस नीति को माना है।' एक अन्य सवाल पर कोयला मंत्री ने बताया कि जुलाई में थर्मल पावर प्लांटों के साथ ईंधन आपूर्ति समझौते [एफएसए] की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। साथ ही विदेश से कोयला आयात नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके तहत कोल इंडिया 65 फीसद से कम कोयला आपूर्ति करने करने की सूरत में बिजली कंपनियों को जुर्माना देने के लिए बाध्य होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाल ही में इसे 80 से घटाकर 65 फीसद किया है।
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