सीसीआइ की क्लीन चिट, फ्लिपकार्ट समेत ई-कॉमर्स फर्मों को बड़ी राहत
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन, जेबॉन्ग और मिंट्रा के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार के आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग को पहली नजर में इन पांच दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन के सुबूत नहीं मिले हैं।
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन, जेबॉन्ग और मिंट्रा के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार के आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग को पहली नजर में इन पांच दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन के सुबूत नहीं मिले हैं।
फ्लिपकार्ट इंडिया, जैस्पर इंफोटेक, जेरियन रिटेल, अमेजन सेलर सर्विसेज और वेक्टर ई-कॉमर्स के खिलाफ शिकायत की गई थी। जैस्पर इंफोटेक स्नैपडील चलाती है। इसी तरह जेरियन जेबॉन्ग और वेक्टर मिंट्रा का परिचालन करती है। बीते कई महीनों तक मामले में जांच करने के बाद आयोग ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करते हुए कार्टेलाइजेशन कर प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन नहीं किया। दस पेज के आदेश में आयोग ने कहा कि इन कंपनियों ने अधिनियम की धारा तीन या चार में से किसी को नहीं तोड़ा।
क्या था आरोप
इन ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप था कि ये प्रोडक्ट बेचने वालों के साथ खास करार कर सिर्फ अपनी ही वेबसाइट पर प्रोडक्ट बेचती है। पिछले कुछ महीनों में इन वेबसाइट पर की जा रही डिस्काउंट सेल पर आरोप लग रहा था कि इस तरह की बिक्री प्रतिस्पर्धा विरोधी है। प्रोडक्ट बनाने वालों के साथ खास गठजोड़ पर आयोग ने कहा कि इस तरह के करार से प्रतिस्पर्धा पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ता। इस तरह का करार नए लोगों के लिए कोई रोड़ा नहीं अटकाता है। इस तरह के खास करार वाले प्रोडक्ट वैसे ही किसी एक जगह बिक रहे होते हैं।
आयोग के मुताबिक भले ही हम ई-पोर्टल को अलग बाजार मानें या प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूट करने वाला छोटा हिस्सा मानें, लेकिन किसी भी विपक्षी का दबदबा नहीं दिखता है। ऑनलाइन रिटेल बाजार में तमाम कंपनियां हैं जो विपक्षी कंपनियां हैं और एक जैसे प्रोडक्ट बेंच रही हैं।
पढ़ें : डाक विभाग को ई-कामर्स का सहारा, पार्सल से होगी 130 करोड़ की कमाई