PNB फ्रॉड केस में CBI ने गोकुलनाथ शेट्टी सहित 3 को गिरफ्तार किया
पंजाब नेशनल बैंक के फ्रॉड मामले में अबतक तीन लोगों की सीबीआई की ओर से गिरफ्तारी की जा चुकी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई की ओर से बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार करने की खबर मिल रही है। साथ ही इसके पीएनबी के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज करात और नीरव मोदी की कंपनियों के ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट की भी गिरफ्तारी कर ली गई है।इस बीच, नीरव मोदी और अन्य आरोपियों को लेकर भी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
इससे पहले शुक्रवार को पंजाब नेशनल बैंक के फ्रॉड में मुख्य आरोपी नीरव मोदी और गीतांजली ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी के पासपोर्ट चार हफ्तों के लिए सस्पेंड कर दिये गये हैं। सीबीआई ने मेहुल चौकसी के 20 ठिकानों पर छापे मारे थे। वहीं गुरुवार को ईडी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने गीतांजली जेम्स पर एफआईआर कर चुकी है। अबतक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की आधी रकम जब्त करने में सफल रहा है। कथित आरोपियों की 5100 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है।
क्या है पूरा मामला
गुरुवार को देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड से पर्दा उस समय उठा जब पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)ने स्टॉक एक्सचेंज को मुंबई ब्रांच में हुए 177.17 करोड़ डॉलर (करीब 11000 करोड़ रुपए) के फर्जी लेन देन की जानकारी दी। इस खबर के बाद एक ओर जहां वित्त मंत्रालय में हड़कंप मच गया वहीं दूसरी ओर अन्य सरकारी बैंकों पर भी इसकी आंच आने की आशंका गहराने लगी।
कैसे हुआ घोटाला?
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल किया गया है। ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी ने अपनी फर्म के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से ये फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल किये। फर्जी इसलिए क्योंकि न तो इसे बैंक के सेंट्रलाइज्ड चैनल से दिया गया और न ही जरूरी मार्जिन मनी नहीं थी। जारी होने के बाद इन LoUs की जानकारी स्विफ्ट कोड मैसेजिंग के जरिए सभी जगह भेज दी गई। इन LoU को नीरव मोदी ने विदेशों में अलग अलग सरकारी और निजी बैंक की शाखाओं से भुना लिया। भुनाई हुई राशि करीब 11000 करोड़ रुपए की थी।
पे ऑर्डर की तरह ही ये लेटर ऑफ क्रेडिट भी कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर उन बैंकों में भुगतान के लिए पेश किए जाते हैं जहां से लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी हुआ होता है। पीएनबी के पास जब यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग भुगतान के लिए आए तो बैंक ने इनका भुगतान करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।