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Lockdown: रिटेल सेक्टर को 50 दिन में 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, कैट ने दी जानकारी

कैट ने उम्मीद जाहिर की है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद देश में कारोबार करने का तौर-तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 07:32 AM (IST)
Lockdown: रिटेल सेक्टर को 50 दिन में 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, कैट ने दी जानकारी
Lockdown: रिटेल सेक्टर को 50 दिन में 7.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, कैट ने दी जानकारी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के रिटेल सेक्टर को पिछले 50 दिन में 7.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। संगठन ने कहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बाजारों में 20 फीसद ग्राहकों के ही पहुंचने की संभावना है क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लोग बाजार जाने से बचेंगे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने इस वजह से बड़े वित्तीय संकट की आशंका जताई है। उसने कहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी कम-से-कम 20 फीसद व्यापारियों को अपना कारोबार बंद करना पड़ सकता है। साथ ही इन 20 फीसद कारोबारियों पर निर्भर 10 फीसद व्यापारियों के व्यापार भी बंद होने की आशंका पैदा हो गई है।  

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कैट ने उम्मीद जाहिर की है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद देश में कारोबार करने का तौर-तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। उसका कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद रिटेलर्स को साफ-सफाई, आंतरिक सुरक्षा, व्यवस्थित व्यापार, पेशेवर तरीका और डिजिटल एवं कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट जैसी सुविधाओं पर ध्यान देना होगा। संगठन का कहना है कि आने वाले समय में देश के रिटेल बिजनेस के परिदृश्य में बदलाव देखने को मिलेगा। 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोविड -19 ने भारतीय खुदरा व्यापार में अपूरणीय सेंध लगा दी है, जिसका पूरे देश के रिटेल व्यापार पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार का भविष्य बहुत अधिक अनिश्चितता की चपेट में है। भरतिया और खंडेलवाल के मुताबिक लॉकडाउन खुलने के बाद व्यापार में पैसे की आवाजाही कम से कम 45-60 दिनों के बाद ही शुरू हो सकेगी। उन्हें लगता है कि व्यापार को पूरी तरह शुरू करने में कम-से-कम दिसंबर, 2020 तक का इंतजार करना पड़ेगा। 

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि भारत में कम-से-कम 2.5 करोड़ व्यापारी इस गंभीर आर्थिक दिक्कत का सामना पूंजी के अभाव में नहीं कर सकेंगे। उनके पास ऐसे समय में अपने व्यापार को चलाने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है क्योंकि उनकी दुकानें लंबे समय से बंद हैं, जिसमें कोई कारोबार न होने से आय का साधन बंद हो गया है


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