गोल्ड ज्वैलरी के हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड में शामिल हो 20 कैरेट: कैट
सोने की शुद्धता का पहला पैमाना हॉलमार्क का निशान ही होता है
नई दिल्ली (पीटीआई)। ट्रेडर्स बॉडी कैट ने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से मांग की है कि 20 कैरेट को जिसमें 83.33 फीसद की शुद्धता होती है, गोल्ड ज्वैलरी के अंतरराष्ट्रीय हॉलमार्किंग मानकों में शामिल किया जाए। उपभोक्ता मामलों के मंत्री को लिखे एक पत्र में अखिल भारतीय ट्रेडर्स परिसंघ (सीएआईटी) ने तर्क दिया कि इस कदम से आभूषण निर्माता उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर हल्का गहने बनाने में सक्षम हो जाएंगे।
कैट ने कहा कि केंद्र सरकार ने हॉलमार्किंग मानकों के लिए 14, 18 और 22 कैरेट पर अपनी सहमति जता दी है, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय मानक हैं और सरकार इसे देश में लागू करने वाली है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने पासवान से मांग की है कि मानकों में 20 कैरेट को भी शामिल किया जाए जिसमें कि 83.3 फीसद सोने की शुद्धता होती है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जहां एक तरफ यह आम आदमी की पहुंच के लिहाज से सबसे आसान कमोडिटी बन जाएगी। तो वहीं दूसरी तरफ यह यह व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच क्रेडिट क्षमता और विश्वास में वृद्धि करेगा।
क्या होती है हॉलमार्किंग: सोने की शुद्धता का पहला पैमाना हॉलमार्क का निशान है। इसलिए सोना खरीदते समय हॉलमार्क के निशान वाली ज्वैलरी ही खरीदें। यह मार्क सरकारी गारंटी है। इसका निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) करती है। हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत गोल्ड संचालन, नियम और विनियम का काम करती है। हालमार्क वाली ज्वैलरी पर निशान के साथ और कुछ अंक जैसे 999, 916, 875 लिखे होते हैं। आपको बता दें कि इन्ही अंको से आपके अपने सोने की शुद्धता जांच सकते हैं। यदि हालमार्क के निशान के साथ 999 नंबर लिखा है तो आपके सोने की ज्वैलरी 24 कैरेट की है। 999 अंक का मतलब यह है कि इसमें सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी है। इसी तरह 23 कैरेट सोने पर 958, 22 कैरेट सोने पर 916, 21 कैरेट पर 875, 18 कैरेट पर 750 अंक लिखे होते हैं।