CAIT ने किराना स्टोर्स को ऑनलाइन लाने के लिए आगे आने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों का किया समर्थन
जियो के नए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म JioMart और फेसबुक के व्हाट्सएप की तीन करोड़ छोटी भारतीय किराना दुकानों को ऑनलाइन लाने की योजना है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। लाखों स्थानीय किराना स्टोर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली व्यापारियों के संगठन कैट (CAIT) ने बुधवार को लोकल ग्रोसरी स्टोर्स को डिजिटाइज करने में मदद करने और भारतीय नियमों का पालन करने के लिए भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों का समर्थन किया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने पहले अमेजन जैसे विदेशी ई-टेलर्स का विरोध किया था। कैट ने आरोप लगाया था कि भारी छूट से इन्होंने छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने का काम किया है। उसी कैट ने अब कहा है कि उसने कभी ई-कॉमर्स का विरोध नहीं किया है और व्यापारियों को एक अतिरिक्त बिजनेस एवेन्यू के रूप में ई-कॉमर्स को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
कैट का यह बयान फेसबुक और आरआईएल के जियो प्लेटफॉर्म्स के बीच हुई हालिया डील के बाद आया है। इस डील के अनुसार, फेसबुक जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.9 फीसद हिस्सेदारी खरीद रही है। अर्थात वह जियो प्लैटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। साथ ही जियो के नए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट (JioMart) और फेसबुक के व्हाट्सएप की तीन करोड़ छोटी भारतीय किराना दुकानों को ऑनलाइन लाने की योजना है। जियोमार्ट ने मुंबई में कुछ जगहों पर व्हाट्सएप के जरिए ऑर्डर लेना भी शुरू कर दिया है।
सीएआईटी ने कहा, 'भारत का ई-कॉमर्स एक बहुत बड़ा बाजार है, जिसमें डिजिटलाइजेशन की बड़ी संभावना है। इस बाजार में रिलायंस जैसी किसी भी कंपनी के प्रवेश से, जो स्वच्छ प्रतिस्पर्धा का लक्ष्य लेकर चलती हो, नियमों का पालन करती हो, बाजार पर कब्जा करने के लिए पैसा ना फेंके और डिजिटल तकनीक के जरिए छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाए व डेटा को देश में रखे, तो उसका स्वागत है।'
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) देश में सात करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। फेसबुक-रिलायंस डील पर उनके रुख के बारे में पूछने पर इस संगठन ने कहा कि इस क्षेत्र में मानकों का अनुसरण करने वाली किसी भी कंपनी के लिए पर्याप्त मौके हैं।