केयर्न एनर्जी ने 7900 करोड़ रुपये वापस पाने के लिए उठाया बड़ा कदम
Retrospective tax case ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार और उसकी संस्थाओं के खिलाफ अमेरिका से लेकर फ्रांस और सिंगापुर तक की अदालतों में सभी मुकदमों को वापस ले लिया है ताकि 7900 करोड़ रुपये का रिफंड मिल सके ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स केस मेंं ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार और उसकी संस्थाओं के खिलाफ अमेरिका से लेकर फ्रांस और सिंगापुर तक की अदालतों में सभी मुकदमों को वापस ले लिया है, ताकि 7,900 करोड़ रुपये का रिफंड मिल सके। यह कर विवाद 7 साल पहले शुरू हुआ था। कंपनी, जिसे अब Capricorn Energy PLC के रूप में जाना जाता है - ने उन सभी मामलों को वापस ले लिया है जो टैक्स रिफंड लेने के लिए किए गए थे। बुधवार को अखबारों में छपे विज्ञापन के अनुसार, सभी मामले वापस ले लिए गए हैं।
बता दें कि सरकार ने पहले दिसंबर 2020 के मध्यस्थता फैसले का सम्मान करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अगस्त 2021 में सभी retrospective tax case को रद्द करने और एकत्र किए गए धन को वापस करने के लिए एक कानून ले आई।
बता दें कि ब्रिटेन की ऊर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी ने पिछली तारीख से कर लगाने से पैदा हुए विवाद के निपटारे के लिए भारत सरकार की पेशकश स्वीकार करने के बाद फ्रांस और ब्रिटेन समेत कई देशों में स्थित भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की मांग करने वाले मुकदमे वापस लेने पर सहमति जताई थी।
केयर्न एनर्जी ने कहा था कि पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था खत्म करने से संबंधित नए कानून की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने भारत सरकार को यह भरोसा दिया है कि वह दुनिया के किसी भी हिस्से में चल रहे कानूनी मामलों को वापस लेने के साथ ही भविष्य में भी कोई दावा नहीं दाखिल करेगी।
इसके बाद भारत सरकार ने केयर्न को 'फॉर्म-2' जारी किया था, जिसमें पूर्व प्रभाव से लागू कर के एवज में वसूली गई रकम लौटाने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। फॉर्म-2 जारी होने के बाद केयर्न ने अपने सारे मुकदमे वापस ले लिए और भारत सरकार उसे करीब 7,900 करोड़ रुपये की रकम लौटाएगी।