सात साल से घाटे में चल रही थी यह सरकारी कंपनी, कैबिनेट ने बंद करने का लिया डिसीजन
हिन्दुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड के सब्सिडरी के रूप में 1983 में HFL का गठन किया गया था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय कैबिनेट ने Hindustan Fluorocarbons Ltd (HFL) को बंद करने के प्रस्ताव को बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित आर्थिक मामलों की कैबिनिट समिति (CCEA) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। इस कंपनी में मात्र 88 कर्मचारी थे। HFL वित्त वर्ष 2013-14 लगातार घाटे में थी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीसीईए ने केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स विभाग के अंतर्गत काम करने वाली कंपनी HFL को बंद करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
विज्ञप्ति के मुताबिक कैबिनेट ने HFL को बंद करने से जुड़ी जवाबदेहियों के निपटारे के लिए ब्याज रहित लोन के रूप में 77.20 करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी निर्णय किया है।
इस राशि का इस्तेमाल कर्मचारियों के वीआरएस/ वीएसएस, बकाया सैलरी और अन्य राशि के भुगतान, SBI के ऋण के भुगतान के लिए किया जाएगा। कंपनी को बंद करने से जुड़ी जवाबदेहियों के निपटान के बाद कंपनी के भूखंड एवं अन्य परिसंपत्तियों की बिक्री के जरिए ब्याज रहित कर्ज के भुगतान का प्रस्ताव है। इसके अलावा अगर भूखंड एवं परिसंपत्तियों की बिक्री लोन चुकाने के लिहाज से पर्याप्त साबित नहीं होंगे तो शेष राशि को माफ कर दिया जाएगा।
1983 में हुआ था गठन
हिन्दुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड के सब्सिडरी के रूप में 1983 में HFL का गठन किया गया था। Hindustan Organic Chemicals Limited भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत काम करता है। इस कंपनी में Polytetrafluroethylene का उत्पादन किया जाता है। संयंत्र की क्षमता 500 टन सालाना की है। यह संयंत्र आंध्र प्रदेश के मेडक जिलांतर्गत रुद्ररम में है।