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किसान आंदोलन से दिल्ली और आस-पास के राज्यों में लगभग 5000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ: CAIT

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को किसान कानूनों से संबंध रखने वाले विभिन्न वर्गों के प्रमुख संगठनों का एक सम्मेलन आयोजित किया। लोगों ने सर्वसम्मति से आंदोलन के नेताओं से आग्रह किया कि वे सरकार से चल रही वार्ता के जरिये अपने मुद्दों को सलुझायें।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 09:46 AM (IST)
किसान आंदोलन से दिल्ली और आस-पास के राज्यों में लगभग 5000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ: CAIT
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट )

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को किसान कानूनों से संबंध रखने वाले विभिन्न वर्गों के प्रमुख संगठनों का एक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में शामिल सभी लोगों ने सर्वसम्मति से आंदोलन के नेताओं से आग्रह किया कि वे सरकार से चल रही वार्ता के जरिये अपने मुद्दों को सलुझायें। साथ ही सम्मेलन में सरकार से आग्रह किया गया कि वह खुले विचारों से किसानों की बात सुने और बातचीत के माध्यम से उनकी वाजिब मांगों को स्वीकार करते हुए शीघ्र हल निकाले। सम्मेलन में कहा गया कि पिछले 20 दिनों में दिल्ली और आस पास के राज्यों में लगभग 5000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित  हुआ है।

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इस सम्मेलन में शामिल नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों को केवल किसानों से ही संबंधित कहना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से केवल किसान ही नहीं, बल्कि उपभोक्ता सहित कृषि खाद्यान्नों का व्यापार करने वाले व्यापारी, खाद्य प्रसंस्करण में लगे उद्योग एवं व्यापार , बीज एवं कीटनाशक बनाने वाले उद्योग, खाद एवं अन्य उपजाऊ उत्पाद बनाने वाले लोग, थोक एवं खुदरा विक्रेता,आढ़ती एवं कृषि से सम्बंधित बड़े उद्योग सहित अनेक वर्गों के लोग प्रभावित होंगे। इसलिए इन कानूनों से सारे हितधारकों के हितों को संरक्षित करने की आवश्यकता है।

सम्मेलन में कहा गया कि किसान आंदोलन का असर अगर अन्य लोगों के अधिकारों पर पड़ता है, तो वो कतई उचित नहीं है। सम्मेलन में कहा गया, 'दिल्ली न तो कृषि राज्य है व न ही औद्योगिक राज्य, बल्कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है, जहाँ देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली में माल आता है और दिल्ली से देश के समस्त राज्यों में माल जाता है। एक मोटे अनुमान के अनुसार, दिल्ली आने वाले माल में से लगभग 30 से 40  फीसद माल की आवाजाही  किसान आंदोलन से प्रभावित हुई है जिसका विपरीत असर दिल्ली और पडोसी राज्यों के व्यापार पर पड़ रहा है। पिछले बीस दिनों में दिल्ली और आस पास के राज्यों में लगभग 5000 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित  हुआ है।' 

सम्मेलन में शामिल नेताओं ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो निकट भविष्य में दिल्ली के व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों एवं अन्य वर्ग के लोगों को व्यापार में बड़ा नुकसान होगा। नेताओं ने कहा कि कोरोना के कारण पहले से ही व्यापार एवं अन्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित थी और दिवाली से जैसे-तैसे व्यापार पटरी पर आना शुरू हुआ था, लेकिन अब किसान आंदोलन के कारण एक बार फिर व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने की बड़ी संभावना है।


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