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Business on Dhanteras: कारोबारियों के लिए वरदान साबित हुई धनतेरस, देशभर में लोगों ने जमकर की खरीदारी

Business on Dhanteras देशभर में कारोबारी प्रतिष्ठानों के लिए धनतरेस एक स्वर्णिम अवसर साबित हुआ है। कोरोना काल में कई सारी नकारात्मकताओं से जूझ चुके लोगों को धनतरेस पर सेलिब्रेट करने का मौका मिला है। बड़ी संख्या में लोग बाजारों में निकले हैं और जमकर खरीदारी की है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 05:21 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 08:12 AM (IST)
Business on Dhanteras: कारोबारियों के लिए वरदान साबित हुई धनतेरस, देशभर में लोगों ने जमकर की खरीदारी
सोने के आभूषण P C : Pixabay

नई दिल्ली, पवन जायसवाल। देशभर में कारोबारी प्रतिष्ठानों के लिए धनतरेस एक स्वर्णिम अवसर साबित हुआ है। कोरोना काल में कई सारी नकारात्मकताओं से जूझ चुके लोगों को धनतरेस पर सेलिब्रेट करने का मौका मिला है। बड़ी संख्या में लोग बाजारों में निकले हैं और जमकर खरीदारी की है। गांवों, कस्बों और छोटे-बड़े शहरों में धनतरेस पर काफी अच्छा कारोबार देखने को मिला है। कारोबारियों का कहना है कि आगामी शादियों के सीजन में भी अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है और इसके साथ ही अधिकतर सेक्टर्स में कारोबार कारोना से पहले के स्तर पर आ जाएगा। आइए जानते हैं कि कारोबारियों और अधिकारियों का इस संबंध में क्या कहना है।

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नौ महीने बाद सर्राफा बाजार में लौटी चमक

इस धनतेरस पर बाजार की चमक वापस लौट आई है। देशभर में ज्वैलरी मार्केट की स्वर्णिम आभा करीब नौ महीनों के अंतराल के बाद लगभग वापस आ गई है। धनतरेश पर देश भर में खुशहाल चेहरे नए आभूषणों की खरीदारी करते नजर आए। देशभर के ज्वैलर्स का कहना है कि आने वाले शादियों के सीजन में पिछले साल के स्तर का कारोबार वापस लौट आएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिल्ली के एक ज्वैलर के हवाले से कहा, 'लॉकडाउन के बाद लोग खुदरा दुकानों पर आने से कतरा रहे थे, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। कोविड-19 का प्रभाव अपेक्षित था, लेकिन अब 80 फीसद कारोबार वापस आ गया है। मौजूदा कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों के जीवन में काफी कुछ नकारात्मक था, अब लोगों को धनतेरस पर सेलिब्रेट करने का मौका मिला है।'

एजेंसी ने ज्वैलर के हवाले से आगे कहा, 'जिन लोगों ने मार्च-अप्रैल में अपनी शादी टाल दी थी, वे अब शादी कर रहे हैं। साथ ही अब शादी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी घट गई है, इसलिए लोग आभूषणों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। मुझे लगाता है कि बाजार इस शादियों के सीजन में पिछले साल से भी अच्छा रहेगा।'

दिल्ली में भी धनतेरस पर दिखी रौनक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें, तो यहां भी धनतरेस पर बाजार में अच्छी रौनक देखने को मिली। दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बावेजा ने बताया कि लोगों में धनतरेस पर खरीदारी को लेकर अच्छा उत्साह देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि बर्तनों और गिफ्ट आइटम्स की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली। बावेजा का कहना था कि धनतेरस पर कारोबार ठीक रहा है, लेकिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण का डर रहने के कारण पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम कारोबार देखने को मिला।

कम महंगे सामानों की खूब हुई बिक्री

इंडस्ट्री कमेटी पीएचडी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा, दिवाली सीजन में और खासतौर से धनतेरस पर गांवों, कस्बों और छोटे-बड़े शहरों में अच्छा करोबार देखने को मिला है। सस्ते सामानों की खूब बिक्री हो रही है। कृषि क्षेत्र में अच्छी ग्रोथ रहने व सरकार द्वारा समय-समय पर किये गए राहत उपायों के चलते कंज्यूमर गूड्स की डिमांड में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है। हालांकि मेट्रो सिटीज में कारोबार उतना अच्छा देखने को नहीं मिल रहा। डायमंड ज्वैलरी, महंगे एसी जैसे महंगे उत्पादों की डिमांड में रिकवरी धीमी है।'

उन्होंने आगे कहा, 'मैन्युफैक्चरिंग गुड्स के अंदर कैपिटल गुड्स में पहली तिमाही में 60 फीसद और दूसरी तिमाही में 20 से 25 फीसद की गिरावट देखी गई थी। तीसरी तिमाही में भी इसमें 15 से 20 फीसद की गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन वित्त मंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 और पीएलआई जैसी घोषणाओं के चलते अब यहां गिरावट 5 फीसद पर भी सिमट सकती है।'

दिखे कई सकारात्मक संकेत

फिक्की की प्रेसिडेंट डॉ संगीता रेड्डी ने कहा कि बाजार में कई सारे सकारात्मक संकेत देखने को मिल रहे हैं, ये अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी को दर्शा रहे हैं। रेड्डी ने कहा कि वित्त मंत्री ने देश को दिवाली का एक बड़ा तोहफा दिया है, जो ग्रोथ, रोजगार और निर्यात को बढ़ाएगा। साथ ही भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का हिस्सा बनाएगा।

धनतेरस पर दिखी ग्राहकों की क्षमता

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट संजय अग्रवाल ने कहा, 'परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अक्टूबर महीने में बढ़कर 58.9 पर आ गई, जो सितंबर में 56.8 पर थी। भारत के विनिर्माण क्षेत्र में कारोबारी गतिविधियां एक दशक के उच्चतम स्तर पर आ गई है। हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे ग्राहक में खूब क्षमताएं हैं। यही क्षमता धनतेरस के मौके पर देखने को मिल रही है।'


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