Budget 2022: तकनीक व इनोवेशन को विशेष मदद, सभी सेक्टर को होगा फायदा
उन्नति के सह-संस्थापक अमित सिन्हा ने बताया कि कृषि के साथ ग्रामीण विकास एमएसएमई जैसे सेक्टर में भी तकनीक आधारित बनाना होगा इसके लिए सरकार को स्टार्टअप्स को विभिन्न प्रकार की कर छूट के साथ उन्हें सब्सिडी देनी की घोषणा बजट में करनी होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में तकनीक विकास और इनोवेशन प्रोत्साहन के लिए विशेष स्कीम या फंड की घोषणा कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि तकनीक व इनोवेशन से कृषि, मछली पालन से लेकर एमएसएमई जैसे सभी सेक्टर को फायदा मिलेगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), ड्रोन टेक्नोलॉजी, डाटा सिक्युरिटी जैसे क्षेत्र को एक कदम आगे ले जाने के लिए सरकार बजट में फोकस कर सकती है। साइबर सिक्युरिटी, इंटनेट ऑफ ¨थग्स (आईओटी) जैसी चीजों को भारत में बड़े स्तर पर विकसित करने के लिए भी बजट में प्रावधान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार घरेलू कंपनियों, स्टार्टअप्स व एमएसएमई को अनुसंधान व विकास (आरएंडडी) करने के लिए वित्तीय सहायता देने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए मदद दे सकती है।
इस काम के लिए अलग से कोष की स्थापना हो सकती है। हालांकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) को अगले पांच साल के लिए 50,000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई थी। एनआरएफ सामाजिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान व विकास का काम करता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बात नहीं बनने वाली है। कृषि से लेकर मछली पालन सेक्टर की हर चेन का डिजिटाइजेशन करना होगा तभी इन दोनों सेक्टर के माध्यम से किसानों की आय तेजी से बढ़ाई जा सकती है और इन सबके लिए तकनीक और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। एगनेक्स्ट टेक्नोलॉजी के सीईओ एंड फाउंडर तरनजीत ¨सह भाम्रा ने बताया कि वर्ष 2021 एग्रीटेक सेक्टर के लिए काफी अच्छा साल रहा इस सेक्टर में काफी तकनीक व इनोवेशन भी हुए। इस दर को बनाए रखने के लिए बजट में कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और अनुसंधान को इंसेंटिव दिए जाने की जरूरत है।
उन्नति के सह-संस्थापक अमित सिन्हा ने बताया कि कृषि के साथ ग्रामीण विकास, एमएसएमई जैसे सेक्टर में भी तकनीक आधारित बनाना होगा इसके लिए सरकार को स्टार्टअप्स को विभिन्न प्रकार की कर छूट के साथ उन्हें सब्सिडी देनी की घोषणा बजट में करनी होगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष के बजट में इनोवेशन करने वाले स्टार्टअप्स को टैक्स में लंबे समय तक कर छूट देने की घोषणा हो सकती है। बड़े शहरों की जगह छोटे-छोटे शहरों में अनुसंधान सेंटर या क्लस्टर खोलने के लिए फंड मुहैया कराए जा सकते हैं ताकि छोटे शहरों में इनोवेशन का इकोसिस्टम तैयार किया जा सके। पहले से उपलब्ध तकनीक को सरल करने और उस तकनीक को आम आदमी के लायक बनाने को लेकर भी बजट में भी कुछ घोषणाएं संभावित हैं। जैसे पिछले साल नेशनल लैंगुएज ट्रांसलेशन मिशन की घोषणा की गई थी जिसके तहत ई-मेल से लेकर सभी प्रकार की कंप्यूटर प्रोग्राम को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाना है।