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Budget 2022 में Cryptocurrency निवेशकों को लग सकता है झटका!

Budget 2022 नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स लीडर अरविंद श्रीवत्सन ने यह कहा है कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से अधिक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बिक्री और खरीद पर टीडीएस/टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है।

By Lakshya KumarEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 09:01 AM (IST)
Budget 2022 में Cryptocurrency निवेशकों को लग सकता है झटका!
Budget 2022 में Cryptocurrency निवेशकों को लग सकता है झटका!

नई दिल्ली, पीटीआइ। नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स लीडर अरविंद श्रीवत्सन ने यह कहा है कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से अधिक क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद पर टीडीएस/टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के लेनदेन को आयकर अधिकारियों को रिपोर्ट करने के उद्देश्य से निर्दिष्ट लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लॉटरी, गेम शो, पज्जल आदि से जीत के समान 30 प्रतिशत की उच्च कर दर लगाई जानी चाहिए।

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1 फरवरी को सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट 2022-23 में भारत के क्रिप्टो उद्योग के लिए क्या होना चाहिए, इसके बारे में पीटीआई से बात करते हुए अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि वर्तमान में भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक 10.07 करोड़ है और एक रिपोर्ट के अनुसार यह उम्मीद की जा रही है कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकुरेंसी में निवेश 2030 तक 241 मिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि, इसे पेश नहीं किया गया था, और अब उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को ला सकती है। अगर सरकार भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से नहीं रोकती है, तो हमें उम्मीद है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक प्रतिगामी कर व्यवस्था पेश कर सकती है।"

उन्होंने कहा कि बाजार के आकार, इसमें शामिल राशि और क्रिप्टोकरेंसी के साथ जोखिम को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी के कराधान में कुछ बदलाव लाए जा सकते हैं, जैसे- एक सीमा से ऊपर उन्हें स्रोत कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत एकत्र कर (TCS) के प्रावधान लाए जा सकते हैं। इनसे सरकार को निवेशकों के फुटप्रिंट हासिल करने में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद दोनों को वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) में रिपोर्टिंग के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग कंपनियां पहले से ही शेयरों और म्यूचुअल फंड की इकाइयों की बिक्री और खरीद की समान रिपोर्टिंग करती हैं।

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई विनियमन या कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसे में 'क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल' अब 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है।


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