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BPCL ने कर्मचारियों को दिया VRS का ऑफर, निजीकरण से पहले कंपनी ने की यह पेशकश

BPCL के कर्मचारियों की संख्या 20000 है। अधिकारी ने बताया कि 5 से 10 फीसद कर्मचारी वीआरएस का ऑप्शन चुन सकते हैं। (PC ANI)

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:13 AM (IST)
BPCL ने कर्मचारियों को दिया VRS का ऑफर, निजीकरण से पहले कंपनी ने की यह पेशकश
BPCL ने कर्मचारियों को दिया VRS का ऑफर, निजीकरण से पहले कंपनी ने की यह पेशकश

नई दिल्ली, पीटीआइ। पब्लिक सेक्टर कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने अपने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) की पेशकश की है। कंपनी ने निजीकरण से पहले अपने कर्मचारियों को इस तरह का ऑफर दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार भारत की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और दूसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी के निजीकरण की योजना पर काम कर रही है। BPCL ने अपने कर्मचारियों को आंतरिक नोटिस भेजकर कहा है, ‘‘कंपनी ने VRS ऑफर करने का निर्णय किया है। यह स्कीम ऐसे कर्मचारियों के लिए है, जो अलग-अलग व्यक्तिगत कारणों से कंपनी में अपनी सर्विस जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।’’ 

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भारत पेट्रोलियम स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना-2020 (BPVRS-2020) 23 जुलाई को खुली और 13 अगस्त को कंपनी इसे बंद कर देगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की इस योजना के जरिए ऐसे कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकलने का ऑप्शन गया है, जो प्राइवेट मैनेजमेंट के तहत काम करने के इच्छुक नहीं हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ कर्मचारियों को ऐसा लगता है कि कंपनी के निजीकरण के बाद उनकी भूमिका, स्थिति या स्थान में परिवर्तन हो सकता है। वीआरएस की योजना उन्हें बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध कराती है।’’

सरकार ने BPCL में  अपनी पूरी 52.98 फीसद हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। BPCL के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) 31 जुलाई तक दाखिल किया जा सकता है। 

BPCL के कर्मचारियों की संख्या 20,000 है। अधिकारी ने बताया कि 5 से 10 फीसद कर्मचारी वीआरएस का ऑप्शन चुन सकते हैं। पीटीआई के पास उपलब्ध वीआरएस से संबंधित नोटिस के अनुसार 45 साल की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारी इस योजना के पात्र हैं। हालांकि, सक्रिय खिलाड़ी यानी किसी खेल की वजह से कंपनी में नियुक्त हुए खिलाड़ियों तथा बोर्ड स्तर के एक्जीक्यूटिव के पास इसे चुनने का विकल्प नहीं है। हालांकि, जिन कर्मचारियों के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है वे इस वीआरएस स्कीम का लाभ नहीं प्राप्त कर सकते हैं। 


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