सरकारी कामकाज में होगा Blockchain तकनीक का इस्तेमाल, सरकार ने जारी किया पेपर
सरकारी कामकाज में भी अब Blockchain technique का इस्तेमाल शुरू होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री ने सरकारी व्यवस्था खासकर ई-गवर्नेंस सेवाओं (e governance services) में ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain technology)को अपनाने से संबंधित राष्ट्रीय रणनीति शुक्रवार को जारी की।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी कामकाज में भी अब Blockchain technique का इस्तेमाल शुरू होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री ने सरकारी व्यवस्था खासकर ई-गवर्नेंस सेवाओं (e governance services) में ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain technology)को अपनाने से संबंधित राष्ट्रीय रणनीति शुक्रवार को जारी की। मंत्रालय ने राष्ट्रीय ब्लॉकचेन प्रारूप के लिए एक व्यापक रवैया अपनाया है। इसमें रिसर्च और विकास का जिम्मा C-Dac (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्युटिंग) को दिया गया है। जबकि NIC (नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर) और एनआईसीएसआई (नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज इंक) के पास राष्ट्रीय स्तर के ब्लॉकचेन ढांचे के एडिशन और ब्लॉकचेन सेवा देने का काम होगा।
मंत्रालय ने अपने पेपर में कहा है कि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर ई-गवर्नेंस वाली सेवाएं देने के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल मंच तैयार करने पर जोर होगा। राष्ट्रीय ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म के विकास और क्रियान्वयन के बारे में व्यापक दृष्टि भी इसका मकसद है।
सरकार को उम्मीद है कि इस दस्तावेज से ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म के बारे में जरूरी मार्गदर्शन और समर्थन पाने का रास्ता तैयार होगा। इसके लिए मंत्रालय विभिन्न सरकारी संस्थानों व अन्य साझेदारों के साथ भी मिलकर काम करेगा। इस प्रारूप के मुताबिक राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग केंद्र व राज्यों के स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा संचालित परियोजनाओं को क्रियान्वयित करेगा। इसमें राज्यों से भी अपने राज्य के हिसाब से ब्लॉकचेन ऐप्लिकेशन विकसित करने को कहा गया है।
बता दें कि 1 दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने गातार बदलती प्रौद्योगिकी और मोबाइल से होने वाले पेमेंट (tech-driven payment systems) के प्रभावी रेगुलेशन के लिए ग्लोबल स्तर पर कार्रवाई का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि अब तक, नियामक लगातार विकसित हो रही तकनीक को रेगुलेट करने में लगे हैं। उनके पास ऐसा कोई तंत्र नहीं है जिससे इसे रेगुलेट किया जा सके। सबसे जरूरी बात Cryptocurrency के नियमन को लेकर है। इसके लिए वैश्विक तंत्र बनाना होगा।