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जेट की 75% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी, 1,000 करोड़ से अधिक के निवेशक ही लगाएंगे बोली

कंपनी के फाउंडर और प्रमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 04:04 PM (IST)
जेट की 75% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी, 1,000 करोड़ से अधिक के निवेशक ही लगाएंगे बोली
जेट की 75% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी, 1,000 करोड़ से अधिक के निवेशक ही लगाएंगे बोली

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया सोमवार यानी 8 अप्रैल से शुरू हो सकती है। हालांकि बोली दस्तावेजों को अभी अंतिम रुप दिया जा रहा है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। सोमवार के कारोबार में बीएसई में कंपनी का शेयर मामूली तेजी के साथ 260 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।

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बैंकों की योजना जेट की 75 फीसद हिस्सेदारी बेचने की, बोलीदाता के पास होनी चाहिए 1000 करोड़ की नेटवर्थ:
ब्लूमबर्ग के मुताबिक जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड के ऋणदाताओं (बैंकों) ने विमानन कंपनी की 75 फीसद हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। संभावित खरीदार को इसमें अपनी दिलचस्पी 10 अप्रैल तक दिखानी होगी, यह जानकारी प्रमुख कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को एक दस्तावेज के जरिए दी है। इसकी अनिवार्य शर्त यह है कि रणनीतिक बोलीदाता के पास कम से कम 1000 करोड़ की नेटवर्थ होनी चाहिए।

भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 26 बैंकों के समूह ने बीते गुरुवार को कहा था कि जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया 6 अप्रैल को शुरू हो जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि इस समूह ने ऋण पुनर्गठन योजना के तहत फुल सर्विस करियर जेट एयरवेज पर प्रबंधकीय नियंत्रण स्थापित कर लिया है। सूत्रों ने बताया, "जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री के लिए सोमवार (8 अप्रैल) को रुचि पत्र जारी किया जाएगा।"

सूत्रों ने बताया, ‘‘पहले बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी, लेकिन इसे भी बढ़ाकर अब 10 अप्रैल कर दिया गया है।" जेट एयरवेज के बोर्ड की ओर से 25 मार्च को अनुमोदित ऋण समाधान योजना के तहत कंपनी में बैंक बहुलांश हिस्सेदारी लेकर 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।

इसके अलावा कंपनी के फाउंडर और प्रमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं। अब गोयल की हिस्सेदारी 51 फीसद से घटकर 25 फीसद पर आ गई है। इसके अलावा नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी को पट्टे पर लिए अपने विमानों का किराया चुकाने के कारण उन्हें मजबूरन खड़ा करना पड़ रहा है। साथ ही कंपनी अपने कर्मचारियों को समय पर सैलरी देने की स्थिति में भी नहीं है।


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