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बुनियादी उद्योगों ने लगाई ऊंची छलांग

देश के बुनियादी ढांचागत उद्योगों ने इस साल मार्च में उत्पादन के मामले में ऊंची छलांग लगाई है। प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर 6.4 फीसद पर पहुंच गई।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 02 May 2016 10:32 PM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 10:36 PM (IST)
बुनियादी उद्योगों ने लगाई ऊंची छलांग

नई दिल्ली। देश के बुनियादी ढांचागत उद्योगों ने इस साल मार्च में उत्पादन के मामले में ऊंची छलांग लगाई है। इस महीने आठों प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर 6.4 फीसद पर पहुंच गई।

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बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन में यह सुधार रिफाइनरी उत्पादों, सीमेंट और खाद के उत्पादन में तेज वृद्धि के चलते आया। कोर सेक्टर की वृद्धि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, स्टील, सीमेंट, उर्वरक और बिजली क्षेत्र शामिल हैं। यह क्षेत्र औद्योगिक उत्पादन में 38 प्रतिशत योगदान करता है।

पिछले साल मार्च में बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में 0.7 फीसद की गिरावट आई थी। लेकिन इस साल मार्च में उत्पादन में दर्ज तेज वृद्धि दर नवंबर, 2014 के बाद सबसे तेज उछाल है। वित्त वर्ष 2015-16 में आठों प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 2.7 फीसद रही। जबकि इसके पिछले वर्ष यानी 2014-15 में वृद्धि दर 4.5 फीसद थी।

सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2016 में रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 10.8 फीसद की उछाल दर्ज की गई। मार्च, 2015 में इस क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 फीसद की गिरावट आई थी। इसी तरह उर्वरकों के उत्पादन में 22.9 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले साल यह आंकड़ा 5.2 फीसद पर ही रुक गया था।

सीमेंट के उत्पादन में 11.9 फीसद की वृद्धि हुई है। बिजली क्षेत्र का उत्पादन बीते साल के समान 11.3 फीसद पर स्थिर रहा है। केवल कोयला क्षेत्र ही ऐसा रहा है, जिसके उत्पादन की रफ्तार धीमी रही है। इस साल मार्च में इसका उत्पादन मात्र 1.7 फीसद ही बढ़ा है। जबकि मार्च, 2015 में इसकी वृद्धि दर 4.5 फीसद रही थी। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है।

मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ चार माह के निचले स्तर पर

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां अप्रैल में चार महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गईं। निक्केई इंडिया के मासिक सर्वे के मुताबिक नए ऑर्डर में ठहराव की वजह से ऐसा हुआ है। मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की स्थिति अच्छी रही थी।

निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआइ) अप्रैल में घटकर 50.5 पर आ गया। यह इंडेक्स मार्च में 52.4 के स्तर पर था। यह पिछले चार महीने की सबसे कमजोर स्थिति है। पीएमआइ का 50 से ऊपर रहना विस्तार और इससे नीचे जाना गिरावट का संकेत है। लगातार तीन महीने अच्छी ग्रोथ के बाद अप्रैल में घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में नए ऑर्डरों में लगभग ठहराव देखा गया। रोजगार के मामले में कहा गया है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में नियुक्ति बीते दो साल से लगभग स्थिर बनी हुई है। इस सेक्टर के लिए कच्चे माल की लागत में पिछले 11 महीनों से लगातार तेज बढ़ोतरी हुई है।


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