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बैंकों का घाटा करीब ढाई गुना बढ़ा

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2018) के मुकाबले दूसरी तिमाही में बैंकों का प्रदर्शन थोड़ा संतोषजनक रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 09:34 AM (IST)
बैंकों का घाटा करीब ढाई गुना बढ़ा
बैंकों का घाटा करीब ढाई गुना बढ़ा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकारी बैंकों का कुल नुकसान चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2018) में करीब ढाई गुना बढ़कर 14,716.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश के 21 सरकारी बैंकों को कुल 4,284.45 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

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हालांकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2018) के मुकाबले दूसरी तिमाही में बैंकों का प्रदर्शन थोड़ा संतोषजनक रहा है। पहली के मुकाबले दूसरी तिमाही में सरकारी बैंक अपना कुल नुकसान करीब 2,000 करोड़ रुपये कम करने में कामयाब रहे। पहली तिमाही में सभी 21 सरकारी बैंकों का संयुक्त शुद्ध घाटा 16,614.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।

पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले समीक्षाधीन अवधि में ज्यादातर बैंकों का नुकसान इसलिए बढ़ा है, क्योंकि उन्हें फंसे कर्ज (एनपीए) के मद में ज्यादा रकम की प्रोविजनिंग करनी पड़ी है। वहीं, वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले समीक्षाधीन अवधि में संयुक्त नुकसान इसलिए कम रहा, क्योंकि सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।

आंकड़ों के लिहाज से इस वर्ष सितंबर में खत्म तिमाही में सबसे ज्यादा 4,532.35 करोड़ रुपये का घाटा देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी कर्जदाता पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक को 560.58 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। समीक्षाधीन तिमाही में पीएनबी ने एनपीए और अन्य मदों में 9,757.90 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा था। इसमें एनपीए के मद में प्रावधान की रकम बढ़कर 7,733.27 करोड़ रुपये पर पर जा पहुंची। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा पीएनबी में की गई 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी से बैंक उबर नहीं पाया है। उसे इस पूरी रकम का प्रावधान अपने लाभ में से करना है।

समीक्षाधीन तिमाही में आइडीबीआइ बैंक को 3,602.50 करोड़ रुपये, जबकि इलाहाबाद बैंक को 1,822.71 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा झेलना पड़ा है। दूसरी तरफ, समीक्षाधीन तिमाही में एसबीआइ को 944.87 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक को 4,875.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष के अंत में सभी 21 सरकारी बैंकों का कुल घाटा 62,681.27 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा था।


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