KYC के लिए बैंक कर सकते हैं आधार का इस्तेमाल, ग्राहक की सहमति है जरूरी : RBI
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक ग्राहकों की सहमति से केवाईसी (Know Your Customer) सत्यापन के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि बैंक ग्राहकों की सहमति से केवाईसी (Know Your Customer) सत्यापन के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं। आरबीआई ने व्यक्तियों की पहचान के लिए दस्तावेजों की अपनी लिस्ट अपडेट की। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बैंक और अन्य इकाइयां बैंक खाते खोलने समेत विभिन्न ग्राहकों सेवाओं के लिए केवाईसी नियमों का पालन करेंगे।
केंद्रीय बैंक ने केवीईसी पर संशोधित मास्टर निर्देशन में कहा, 'बैंक को ऐसे व्यक्तियों का आधार सत्यापन/ऑफलाइन सत्यापन करने की अनुमति दी गई है , जो स्वेच्छा से अपने आधार का उपयोग पहचान को प्रमाणित करने के लिए करना चाहते हैं।' केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में, बैंक खाते खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिए पहचान प्रमाण के रूप में आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
अध्यादेश को एक विधेयक के रूप में पेश किया था, जिसे 4 जनवरी को लोकसभा में पारित कर दिया गया, लेकिन राज्यसभा में यह लंबित पड़ा था। लोकसभा भंग होने के साथ ही विधेयक भी समाप्त हो गया है। आरबीआई ने कहा कि आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों (ओवीडी) की सूची में आधार को प्रमाण' के रूप में जोड़ा गया है।
आरबीआई ने कहा है कि जो लोग डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत कोई लाभ या सब्सिडी चाहते हैं बैंकों को उनसे आधार लेना चाहिए और इससे ई-केवाईसी वेरिफिकेशन भी किया जा सकता है।
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