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बैंकों ने सरकार से कहा- वोडाफोन आइडिया को अपने बकाया और स्पेक्ट्रम शुल्क क्लियर करने के लिए मिले और अधिक समय

बिड़ला समूह के आइडिया सेल्युलर के बीच एक संयुक्त उद्यम को लंबे समय से बकाया राशि का निपटान करने के लिए सरकार को 8 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था। कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी करीब 44 फीसद और आदित्य बिड़ला की करीब 27 फीसद

By NiteshEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 12:23 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 12:23 PM (IST)
बैंकों ने सरकार से कहा- वोडाफोन आइडिया को अपने बकाया और स्पेक्ट्रम शुल्क क्लियर करने के लिए मिले और अधिक समय
Banks call on government to ease pressure on India Vodafone Idea

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों ने सरकार से कर्ज में डूबे वोडाफोन आइडिया (VODA.NS) को अपने कर बकाया और स्पेक्ट्रम शुल्क क्लियर करने के लिए और अधिक समय देने को कहा है। इस मामले से जुड़े दो बैंकर और एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

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भारत की एक अदालत ने पिछले साल ब्रिटेन के वोडाफोन समूह (वीओडी.एल) की भारतीय इकाई और आदित्य बिड़ला समूह के आइडिया सेल्युलर के बीच एक संयुक्त उद्यम को लंबे समय से बकाया राशि का निपटान करने के लिए सरकार को 8 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था। कंपनी में वोडाफोन की हिस्सेदारी करीब 44 फीसद और आदित्य बिड़ला की करीब 27 फीसद है।

जून में वोडाफोन आइडिया के तत्कालीन गैर-कार्यकारी अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा था कि बिना सरकार के भारतीय मोबाइल कंपनी की "वित्तीय स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी। 30 जून तक वोडाफोन आइडिया का ग्रोस डेब्ट 1.9 ट्रिलियन रुपये था, जिसमें 1.06 ट्रिलियन रुपये के आस्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्वों और 621.8 अरब रुपये की समायोजित सकल राजस्व देयता शामिल है।

मोबाइल ऑपरेटर ने यह भी बताया कि उस पर वित्तीय संस्थानों का 234 बिलियन भारतीय रुपये (3.18 बिलियन डॉलर) बकाया है। दो बैंकरों और सरकारी अधिकारी ने बताया कि SBI (SBI.NS) के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय बैंक संघ (IBA) के प्रतिनिधियों ने इस महीने वित्त और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और स्पेक्ट्रम बकाया के पुनर्भुगतान पर तत्काल राहत का प्रस्ताव दिया।

SBI, IBA, और वित्त और दूरसंचार विभाग ने किसी भी तरह के कमेंट से इंकार किए। एक बैंकर ने कहा कि कंपनी को जनवरी के आसपास गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के 5-10 अरब रुपये के पुनर्भुगतान का सामना करना पड़ रहा है।

इस मसले पर वोडाफोन आइडिया ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वोडाफोन समूह ने ईमेल पर मांगने पर तुरंत जवाब नहीं दिया। आदित्य बिड़ला समूह के प्रवक्ता ने किसी भी तरह ले टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।


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