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नीरव मोदी की बढ़ी मुश्किलें, चार हफ्तों के लिए रद्द हुआ पासपोर्ट

बैंकिंग स्कैम से पर्दा उठने के बाद से पीएनबी और ज्वैलरी स्टॉक्स में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 06:22 PM (IST)
नीरव मोदी की बढ़ी मुश्किलें, चार हफ्तों के लिए रद्द हुआ पासपोर्ट
नीरव मोदी की बढ़ी मुश्किलें, चार हफ्तों के लिए रद्द हुआ पासपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पंजाब नेशनल बैंक के फ्रॉड में मुख्य आरोपी नीरव मोदी और गीतांजली ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी के पासपोर्ट चार हफ्तों के लिए सस्पेंड कर दिये गये हैं। शुक्रवार को सीबीआई ने मेहुल चौकसी के 20 ठिकानों पर छापे मारे हैं। वहीं गुरुवार को ईडी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

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सीबीआई ने गीतांजली जेम्स पर एफआईआर कर दी है। सुबह के कारोबार में कंपनी के शेयर्स में 20 फीसद तक की गिरावट देर्ज की गई थी।  हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार भले बढ़त के साथ खुले हों लेकिन देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले का असर अभी भी चुनिंदा शेयरों में पर जारी है। बीते दो सत्र में करीब 22 फीसद टूटने वाला पंजाब नेशनल बैंक आज भी 3.5 फीसद से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं गीतांजली जेम्स के शेयर में 20 फीसद की गिरावट है।

पंजाब नेशनल बैंक के शेयर में आई इस गिरावट में निवेशक 8000 करोड़ रूपए से ज्यादा की पूंजी गवां चुके हैं। पीएनबी बैंक के शेयर में यह गिरावट 11300 करोड़ रुपए के घोटाले के उजागर होने के बाद आई। इस घोटाले में मेहुल चौकसी के शामिल होने की खबर से गीतांजलि जेम्स के शेयर में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। मेहुल चौकसी गीतांजलि जेम्स के मालिक और नीरव मोदी का मामा है।

क्या है पूरा मामला

गुरुवार को देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड से पर्दा उस समय उठा जब पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)ने स्टॉक एक्सचेंज को मुंबई ब्रांच में हुए 1771.17 करोड़ डॉलर (करीब 11000 करोड़ रुपए) के फर्जी लेन देन की जानकारी दी। इस खबर के बाद एक ओर जहां वित्त मंत्रालय में हड़कंप मच गया वहीं दूसरी ओर अन्य सरकारी बैंकों पर भी इसकी आंच आने की आशंका गहराने लगी।

कैसे हुआ घोटाला?

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल किया गया है। ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी ने अपनी फर्म के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से ये फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल किये। फर्जी इसलिए क्योंकि न तो इसे बैंक के सेंट्रलाइज्ड चैनल से दिया गया और न ही जरूरी मार्जिन मनी नहीं थी। जारी होने के बाद इन LoUs की जानकारी स्विफ्ट कोड मैसेजिंग के जरिए सभी जगह भेज दी गई। इन LoU को नीरव मोदी ने विदेशों में अलग अलग सरकारी और निजी बैंक की शाखाओं से भुना लिया। भुनाई हुई राशि करीब 11000 करोड़ रुपए की थी।

पे ऑर्डर की तरह ही ये लेटर ऑफ क्रेडिट भी कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर उन बैंकों में भुगतान के लिए पेश किए जाते हैं जहां से लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी हुआ होता है। पीएनबी के पास जब यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग भुगतान के लिए आए तो बैंक ने इनका भुगतान करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
 

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