Move to Jagran APP

बैंकिंग, हाउसिंग व अन्य सेक्टर के विशेषज्ञ RBI के कदमों से संतुष्ट, वृद्धि को जरूरी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद जताई

बैंकिंग एवं वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भी आरबीआइ के फैसले से सहमति जताई है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि यह नीतिगत घोषणा दरों में कटौती किए बिना जितना उदार रखा जाना संभव था उतना रखा गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 12:15 PM (IST)
बैंकिंग, हाउसिंग व अन्य सेक्टर के विशेषज्ञ RBI के कदमों से संतुष्ट, वृद्धि को जरूरी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद जताई
भारतीय रिज़र्व बैंक का लोगो PC: Reuters

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय उद्योग जगत ने मौद्रिक नीति का रुख उदार बनाए रखने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के दृष्टिकोण का स्वागत किया है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आरबीआइ ने तरलता समर्थन, निर्यात पुनरुद्धार, कर्ज सहायता और कारोबारी सहूलियत में सुधार के रूप में कई उपाय किए हैं। इनसे आरबीआइ की अपेक्षा के अनुसार तीन स्तरीय गति से वृद्धि को जरूरी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

loksabha election banner

उद्योग संगठन फिक्की की प्रेसिडेंट संगीता रेड्डी के मुताबिक, रेपो दर में कटौती करने की जगह अन्य उपायों की घोषणा की गई है जो ब्याज दरें घटाने में मदद करेंगे। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद का कहना था कि आरबीआइ के फैसलों में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति का सामना करने का संकल्प झलकता है। महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड के एमडी व सीईओ आशुतोष बिश्नोई का कहना था कि इस नीतिगत घोषणा की सबसे अच्छी बात सबकी बेहतरी के लिए उदार रुख बनाए रखना है।

रिलायंस होम फाइनेंस के सीईओ रविंद्र सुधलकर ने कहा कि हाउसिंग लोन पर जोखिम को तार्किक बनाने का रिजर्व बैंक का कदम स्वागत योग्य है। स्पाइकर लाइफस्टाइल के सीईओ संजय वखारिया ने कहा कि दरें अपरिवर्तित हैं, ऐसे में उच्च महंगाई दर निश्चित रूप से चिंता का विषय है। हम छोटे शहरों में कारोबार के बेहतर पुनरुद्धार की उम्मीद कर रहे हैं।

बैंकिंग एवं वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भी आरबीआइ के फैसले से सहमति जताई है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि यह नीतिगत घोषणा दरों में कटौती किए बिना जितना उदार रखा जाना संभव था, उतना रखा गया है। बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एवं रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि आरबीआइ के हाथ बंधे थे। फिर भी उसने आíथक वृद्धि की राह पर वापस लौटने का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.