Move to Jagran APP

कर्ज की रफ्तार बढ़ाने के लिए बैंक लगाएंगे जोर, सरकार और आरबीआइ चिंतित, लगातार चल रहा विमर्श

लॉकडाउन के बाद सरकार व केंद्रीय बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ उद्योग नए कर्ज लेने से परहेज कर रहे हैं। इस वर्ष अक्टूबर के त्योहारी सीजन में होम लोन ऑटो लोन व कुछ दूसरे उद्योगों की तरफ से सकल बैंक क्रेडिट की रफ्तार 5.5 फीसद हुई है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 07:30 AM (IST)
कर्ज की रफ्तार बढ़ाने के लिए बैंक लगाएंगे जोर, सरकार और आरबीआइ चिंतित, लगातार चल रहा विमर्श
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान बैंकिंग कर्ज वितरण में 0.5 फीसद की गिरावट देखी गई है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। त्योहारी सीजन के दौरान बैंकों ने कर्ज बांटने का जो उत्साह दिखाया है वह अभी कम से कम दो-तीन महीने और जारी रखना होगा। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के बीच चल रहे विमर्श के तहत यह फैसला किया गया है कि त्योहारी सीजन के दौरान जिन उद्योगों ने कर्ज लेने की क्षमता दिखाई है उन्हें और ज्यादा कर्ज देने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। दरअसल, पिछले दिनों आरबीआइ और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठक में कर्ज की सुस्त रफ्तार चिंता का एक बड़ा कारण था।

loksabha election banner

लॉकडाउन के बाद सरकार व केंद्रीय बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ उद्योग नए कर्ज लेने से परहेज कर रहे हैं। इस वर्ष अक्टूबर के त्योहारी सीजन में होम लोन, ऑटो लोन व कुछ दूसरे उद्योगों की तरफ से सकल बैंक क्रेडिट की रफ्तार 5.5 फीसद हुई है लेकिन अप्रैल-अक्टूबर के दौरान बैंकिंग कर्ज वितरण में 0.5 फीसद की गिरावट देखी गई है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सिर्फ कृषि सेक्टर में कर्ज की स्थिति संतोषप्रद कही जा सकती है। बैंकों को कहा गया है कि कर्ज वितरण को लेकर वह अपने स्तर पर कोई ढिलाई नहीं बरतें।

बैंकिंग विभाग के सूत्रों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी की रफ्तार अच्छी बन गई है। लेकिन इसे तभी स्थायी माना जाएगा जब उद्योग जगत की तरफ से नए कर्ज भी लिए जाएं। जिस तरह से बैंकों ने त्योहारी सीजन के दौरान कैंप लगाकर और दूसरे तरीकों से कर्ज वितरण को बढ़ावा दिया है, उसे जारी रखने और कर्ज की ज्यादा मांग वाले क्षेत्रों पर ध्यान देने को कहा गया है।

मसलन, लॉकडाउन के बाद पर्यटन, होटल, रेस्टोरेंट से जुड़े उद्योगों में नए कर्ज की काफी जरूरत होगी। अक्टूबर में होटल, पर्यटन व रेस्टोरेंट उद्योग में वितरित कर्ज में 12 फीसद की वृद्धि हुई है और यह अगले दो तीन महीनों में और बढ़ाई जा सकती है। सेवा क्षेत्र में नए कर्ज की मांग आनी शुरू हो गई है। अक्टूबर में सर्विस सेक्टर के उद्योगों को वितरित कर्ज में 9.5 फीसद की उत्साहजनक वृद्धि हुई है।

ताजा आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में उद्योग जगत को वितरित होने वाले कर्ज की रफ्तार पिछले वर्ष समान महीने के मुकाबले 1.7 फीसद कम रही है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती सात महीनों के लिए यह गिरावट 5.5 फीसद की है। इस अवधि में बड़े उद्योगों की तरफ से कर्ज लेने की रफ्तार 6.7 फीसद कम हुई है जबकि मझोले उद्योगों में 16.6 फीसद का बढि़या इजाफा हुआ है। लेकिन सरकार की तरफ से तमाम प्रोत्साहनों के बावजूद छोटे व मझोले उद्योगों की तरफ से कर्ज लेने की रफ्तार में 5.7 फीसद की गिरावट हुई है।

आरबीआइ के आंकड़े बताते हैं कि 23 अक्टूबर को समाप्त अवधि तक कुल 9,21,3059 करोड़ रुपये का बैंकिंग कर्ज वितरित किया गया था। अप्रैल-अक्टूबर, 2020 की अवधि में यह वितरित कर्ज पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 0.5 फीसद कम है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के वर्ग में कृषि सेक्टर में सात फीसद की वृद्धि हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.