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सरकारी बैंकों में आज हड़ताल, सेवाएं ठप्प होने से जनता परेशान

आज सरकारी बैंकों के करीब आठ लाख कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होंगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 12:46 PM (IST)
सरकारी बैंकों में आज हड़ताल, सेवाएं ठप्प होने से जनता परेशान

नई दिल्ली (पीटीआई)। बैंकिंग सुधारों के खिलाफ सरकारी बैंकों के करीब आठ लाख कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं। इस वजह से चेक क्लीयरिंग, ब्रांच के भीतर जमा और निकासी जैसी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो हो गई हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने इसकी घोषणा की। यूएफबीयू में एआइबीईए, एआइबीओसी, एनसीबीई, एआइबीओए, आइएनबीईएफ, आइएनबीओसी व एनओबीडब्ल्यू समेत बैंक कर्मचारियों के नौ संगठन शामिल हैं।

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एसबीआई ने एक बयान में कहा कि ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन तथा ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन यूएफबीयू के सदस्य हैं। ऐसे में हड़ताल की वजह से बैंक का कामकाज भी प्रभावित होगा। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि 26 जुलाई को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ सुलह सफाई बैठक से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। यदि उनकी मांगों पर विचार करती और उन्हें पूरा करती तो यूएफबीयू हड़ताल के आह्वान पर पुनर्विचार को तैयार था।

वेंकटचलम ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकिंग सुधारों और भारतीय स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों के विलय को लेकर अड़ी हुई है। इस वजह से बुधवार को मुख्य श्रम आयुक्त की मध्यस्थता में हुई वार्ता विफल हो गई। बैंकिंग क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के प्रतिकूल प्रभाव होंगे।

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बैंकों में सरकारी पूंजी कम करने से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। बैंक यूनियन सरकारी बैंकों के विलय और निजी बैंकों के विस्तार, कॉरपोरेट घरानों को बैंक लाइसेंस जारी करने, बैंकों में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने का विरोध कर रही हैं। बैंकों के संगठनों ने सरकारी बैंकों के बकायेदारों को कर्ज वसूली में रियायत देने और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

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