PNB घोटाले के चलते बैंकिंग शेयर्स में हुई मुनाफावसूली
PNB फ्रॉड के चलते शुक्रवार को बैंकिंग शेयर्स गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं
नई दिल्ली (बिजनेसे डेस्क)। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयर्स शुक्रवार को 1.50 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। शेयर्स में गिरावट का मुख्य कारण 1900 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के बाद देखने को मिली है। आज दिन के दौरान बीएसई पर बैंक का शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर आ गया।
पंजाब नेशनल बैंक ने 14 फरवरी को 11400 करोड़ रुपये के फ्रॉड उजागर किया था। इसमें मुख्य आरोपी के तौर पर बिलेनायर नीरव मोदी का नाम सामने आया है। उन्होंने कथित रूप से मुबंई की ब्रांच से अन्य भारतीय लेंडर्स से फर्जी LoU के हासिल किये हैं।
पीएनबी ने अन्य बैंकों का नाम नहीं लिया। लेकिन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने पीएनबी की ओर से जारी किये लेटर ऑफ अँडरटेकिंग के आधार पर क्रेडिट ऑफर किया है।
इलाहाबाद बैंक के शेयर्स बीएसई पर शुक्रवार को 0.36 फीसद की गिरावट के साथ 54.75 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। शेयर्स ने आज के कारोबार में अपना 52 हफ्तों का निम्नतम स्तर, जो कि 53.10 का स्तर है, छू लिया है।
एक्सिस बैंक के शेयर्स आज 1.10 फीसद की गिरावट के साथ 537.75 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुए हैं। इसका दिन का निम्नतम 534.85 का स्तर रहा है। वहीं 52 हफ्तों का 447.80 का स्तर रहा है।
क्या है पूरा मामला
गुरुवार को देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड से पर्दा उस समय उठा जब पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)ने स्टॉक एक्सचेंज को मुंबई ब्रांच में हुए 1771.17 करोड़ डॉलर (करीब 11000 करोड़ रुपए) के फर्जी लेन देन की जानकारी दी। इस खबर के बाद एक ओर जहां वित्त मंत्रालय में हड़कंप मच गया वहीं दूसरी ओर अन्य सरकारी बैंकों पर भी इसकी आंच आने की आशंका गहराने लगी।
कैसे हुआ घोटाला?
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल किया गया है। ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी ने अपनी फर्म के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से ये फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल किये। फर्जी इसलिए क्योंकि न तो इसे बैंक के सेंट्रलाइज्ड चैनल से दिया गया और न ही जरूरी मार्जिन मनी नहीं थी। जारी होने के बाद इन LoUs की जानकारी स्विफ्ट कोड मैसेजिंग के जरिए सभी जगह भेज दी गई। इन LoU को नीरव मोदी ने विदेशों में अलग अलग सरकारी और निजी बैंक की शाखाओं से भुना लिया। भुनाई हुई राशि करीब 11000 करोड़ रुपए की थी।
पे ऑर्डर की तरह ही ये लेटर ऑफ क्रेडिट भी कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर उन बैंकों में भुगतान के लिए पेश किए जाते हैं जहां से लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी हुआ होता है। पीएनबी के पास जब यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग भुगतान के लिए आए तो बैंक ने इनका भुगतान करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।