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बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आरएलएलआर को 40 बीपीएस और एमसीएलआर को 20 बीपीएस तक घटाया

Bank of Maharashtra की एमसीएलआर में कमी का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक विकास का समर्थन करना और दर संचरण सुनिश्चित करना है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 07:07 PM (IST)
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आरएलएलआर को 40 बीपीएस और एमसीएलआर को 20 बीपीएस तक घटाया
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आरएलएलआर को 40 बीपीएस और एमसीएलआर को 20 बीपीएस तक घटाया

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने 8 जून, 2020 से अपनी रेपो से जुड़ी उधारी दर (आरएलएलआर) को 40 बीपीएस से घटा दिया है। आरएलएलआर को घटाकर 7.05% किया गया है। अब सभी रिटेल ऋण (आवास, शिक्षा, वाहन), एमएसएमई को ऋण, जो आरएलएलआर से जुड़े हैं, सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे। इससे रिटेल और एमएसएमई उधारकर्ताओं को और अधिक फायदा होगा।

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बैंक ने लगातार तीसरे महीने अपनी निधि आधारित उधारी दर की सीमांत लागत (एमसीएलआर) को भी कम किया है। 8 जून, 2020 से सभी अवधियों पर एमसीएलआर दर मौजूदा स्तर से 20 बीपीएस कम हो गई है। बैंक की ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर को इन अवधियों के लिए 7.20% (7.40% से), 7.30% (7.50% से) और 7.40% (7.60% से) तक घटा दिया गया है। छह महीने के लिए, एमसीएलआर दरों को संशोधित कर 7.50% (7.70% से घटाकर) और एक वर्ष एमसीएलआर को 7.70% (7.90% से घटाकर) कर दिया गया है।

बैंक की एमसीएलआर में कमी का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक विकास का समर्थन करना और दर संचरण सुनिश्चित करना है।


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