Move to Jagran APP

विलय के ऐलान के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 16% लुढ़का, देना बैंक का 20% चढ़ा

बीएसई पर बैंक ऑफ बड़ौदा की मार्केट वैल्यूएशन 5726.62 करोड़ रुपये घटकर 30013.38 करोड़ रुपये रह गई है।

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:31 AM (IST)
विलय के ऐलान के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 16% लुढ़का, देना बैंक का 20% चढ़ा
विलय के ऐलान के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 16% लुढ़का, देना बैंक का 20% चढ़ा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मंगलवार के कारोबार में बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के शेयर्स में बढ़त दर्ज की गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा का काउंटर 16 फीसद गिरा और देना बैंक का 20 फीसद तक चढ़ा है। यह तेजी मर्जर के ऐलान के बाद देखने को मिली है।

prime article banner

बीएसई पर बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 16.03 फीसद बढ़कर 113.45 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं, विजया बैंक 5.69 फीसद की गिरावट के साथ 56.40 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।

बीएसई पर बैंक ऑफ बड़ौदा की मार्केट वैल्यूएशन 5726.62 करोड़ रुपये घटकर 30013.38 करोड़ रुपये रह गई है। विजया बैंक की मार्केट कैप 442.61 करोड़ रुपये घटकर 7355.39 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं दूसरी ओर देना बैंक के शेयर्स 19.75 फीसद की बढ़त के साथ 19.10 रुपये पर कारोबार कर बंद हुआ है।

सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते सरकार ने तीन बैंकों के विलय की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का विलय किया जाएगा। इन तीनों बैंकों को मिलाकर जो बैंक बनेगा, उसका आकार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा और वह एसबीआइ तथा पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इस आशय की घोषणा की। जेटली ने कहा कि इस कदम से बैंक और मजबूत होंगे तथा उनकी उधार देने की क्षमता बढ़ेगी। जेटली की अध्यक्षता वाले अल्टरनेटिव मैकेनिज्म यानी मंत्रियों के एक समूह ने यह निर्णय लिया। इस समूह में रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल थे।

यह पहला मौका है, जब तीन बैंकों के एकीकरण की पहल सरकार ने की है। इससे पूर्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और उसके पांच सहयोगी बैंकों का विलय तथा एसबीआइ द्वारा भारतीय महिला बैंक का अधिग्रहण किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि देश में कुल 21 सरकारी बैंक हैं, जिनकी अधिकांश हिस्सेदारी सरकार के पास है। इन तीन बैंकों के विलय के बाद देश में 19 सरकारी बैंक रह जाएंगे।

सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब फंसे कर्ज की मार झेल रहे देना बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 11 फीसद से अधिक हो गया है और रिजर्व बैंक ने इसे पीसीए यानी प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन श्रेणी में डाल दिया है। ऐसे में इस बैंक पर कई तरह की बंदिशें लग गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.