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वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले आए सामने, इस बैंक में सबसे ज्यादा फ्रॉड : RTI

आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने कहा कि उन्होंने जून 2020 में आरबीआई के अधिकार क्षेत्र के तहत विभिन्न बैंकिंग से संबंधित सवाल पूछे थे इसी का जवाब उन्हें कुछ दिन पहले मिला है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:29 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 07:25 PM (IST)
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले आए सामने, इस बैंक में सबसे ज्यादा फ्रॉड : RTI
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले आए सामने, इस बैंक में सबसे ज्यादा फ्रॉड : RTI

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों में लगभग 84,545 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 1.85 लाख करोड़ रुपये का चूना लगा है, एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह जानकारी प्राप्त की है। आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने कहा कि उन्होंने जून 2020 में आरबीआई के अधिकार क्षेत्र के तहत विभिन्न बैंकिंग से संबंधित सवाल पूछे थे इसी का जवाब उन्हें कुछ दिन पहले मिला है।

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कोलारकर ने अपनी आरटीआई में यह सवाल पूछा था कि 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के दौरान कितने धोखाधड़ी के मामले हुए हैं और इसमें कितनी राशि शामिल है। आरबीआई ने इसके जवाब में कहा कि कमर्शियल बैंकों द्वारा बताई गई धोखाधड़ी और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान एफआई का चयन करने की कुल संख्या 84,545 है और इसमें शामिल राशि 1,85,772.42 करोड़ रुपये है।

RTI कार्यकर्ता ने यह ही सवाल पूछा था कि इस धोखाधड़ी में कितने बैंक कर्मचारी शामिल हैं और कितनी राशि का गबन हुआ है, हालांकि RBI ने इसके जवाब में कहा कि इस बारे में उसके पास जानकारी उपलब्ध नहीं है।

आरटीआई कार्यकर्ता ने यह भी जानने की कोशिश की कि 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 के दौरान RBI के 15 लोकपाल कार्यालयों को कितनी उपभोक्ता शिकायतें मिलीं। इसके जवाब में बताया गया कि 1 जुलाई, 2019 से मार्च 2020 के दौरान, लगभग 2,14,480 शिकायतें प्राप्त हुईं।

सबसे ज्यादा शिकायतें SBI- 63,259, HDFC बैंक- 18,764, ICICI बैंक- 14,582, पंजाब नेशनल बैंक- 12,469, एक्सिस बैंक -12,214 को मिलीं। केंद्रीय बैंक ने अपने जवाब में कहा कि 1 अप्रैल, 2019 से 30 जून, 2019 के बीच 56,493 शिकायतें प्राप्त हुई ।

RTI में 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 के दौरान बैंकों द्वारा बाहर निकलने वाली शाखाओं की संख्या और विलय के बाद बंद होने की जानकारी भी मांगी गई थी। 


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