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KYC के लिए बैंक जाने की नहीं होगी जरूरत, सभी बैंकों के लिए लागू हो सकता है वीडियो केवाईसी

फिनटेक कमेटी इस प्रकार के वीडियो बेस्ड केवाईसी सॉल्यूशन लाने पर काम कर रही है जिसके तहत बैंक कर्मचारी की मौजूदगी के बगैर रियल टाइम बेसिस पर केवाईसी का काम पूरा हो जाएगा।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 07:53 AM (IST)
KYC के लिए बैंक जाने की नहीं होगी जरूरत, सभी बैंकों के लिए लागू हो सकता है वीडियो केवाईसी
KYC के लिए बैंक जाने की नहीं होगी जरूरत, सभी बैंकों के लिए लागू हो सकता है वीडियो केवाईसी

नई दिल्ली, राजीव कुमार। वित्त मंत्रालय सभी बैंकों में वीडियो आधारित केवाईसी सॉल्यूशन लागू करने की तैयारी में है। ऐसा होने पर नो योर कस्टमर (केवाईसी) के लिए कागजात देने या वेरिफाई कराने के लिए बैंक नहीं जाना होगा। वित्त मंत्रालय निकट भविष्य में सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री सॉल्यूशन भी लाने की तैयारी में है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव की अध्यक्षता में काम कर रही अंतर मंत्रालयी फिनटेक कमेटी इस प्रकार के तकनीकी बदलाव के पक्ष में है। इस दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ काम किया जा रहा है। हर महीने इस कमेटी की बैठक होती है। कोविड19 के काल में सरकार सोशल डिस्टेंशिंग जैसे मानकों को ध्यान में रखते हुए आपके घर में वित्तीय व्यवस्था उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।

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वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव के.राजारमन के मुताबिक फिनटेक कमेटी इस प्रकार के वीडियो बेस्ड केवाईसी सॉल्यूशन लाने पर काम कर रही है जिसके तहत बैंक कर्मचारी की मौजूदगी के बगैर रियल टाइम बेसिस पर केवाईसी का काम पूरा हो जाएगा। ऐसा होने पर समय की बचत के साथ कारोबारी सहूलियत में बढ़ोतरी होगी। अभी केवाईसी कराने के लिए बैंक में जाना पड़ता है।

आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज की मदद से केवाईसी औपचारिकता पूरी होती है। फिनटेक पर आधारित एक वर्चुअल कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री सिस्टम को भी लागू करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री सिस्टम के तहत सभी उपभोक्ताओं का केवाईसी दस्तावेज एक जगह होता है और वित्तीय संस्थाएं जरूरत पड़ने पर वहां से अपने ग्राहक के केवाईसी जान सकेंगी और उसे वेरिफाइ कर सकेंगी।

सभी जमीन की डिजिटाइजेशन की भी तैयारी

वित्त मंत्रालय की फिनटेक कमेटी देश की सभी जमीन के दस्तावेज के डिजिटाइजेशन के लिए लैंड विभाग के साथ संपर्क में हैं। यह काम देश भर में किया जाएगा। जमीन के दस्तावेज के डिजिटाइजेशन से किसानों को फायदा होगा और उन्हें उसके आधार पर आसानी से कर्ज मिल सकेगा। वित्त मंत्रालय कृषि क्षेत्र में फिनटेक के इस्तेमाल के लिए कृषि मंत्रालय के साथ भी संपर्क में हैं।

एमएसएमई को कर्ज के लिए नया सॉल्यूशन

वित्त मंत्रालय की फिनटेक कमेटी एमएसएमई को आसानी से कर्ज मुहैया कराने के लिए भी सॉल्यूशन विकसित करने पर काम कर रही है। कमेटी की योजना एमएसएमई के जीएसटी इनवॉयस के आधार पर वित्तीय कर्ज के लिए सॉल्यूशन लाने की है। इस सॉल्यूशन के आने से जीएसटी नेटवर्क पर रजिस्टर्ड एमएसएमई को कर्ज देने में वित्तीय कंपनियों को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होगी।

सरकार दूसरे देशों में क्यूआर कोड के जरिए भुगतान सिस्टम लागू करने के लिए सिंगापुर और ब्रिटेन जैसे देशों के साथ सॉल्यूशन लाने पर भी काम कर रही है।


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