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इक्विटी में एफपीआइ निवेश आठ साल के शीर्ष पर, 10 मार्च तक 36 अरब डॉलर रहा निवेश

दिसंबर में एफडीआइ का स्तर रिकॉर्ड 6.3 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के मार्च के बुलेटिन के अनुसार शेयरों में निवेश घटने की वजह से जनवरी में एफडीआइ प्रवाह नीचे आया। बुलेटिन में कहा गया एफपीआइ ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी सेग्मेंट में शुद्ध लिवाली की है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 11:47 AM (IST)
इक्विटी में एफपीआइ निवेश आठ साल के शीर्ष पर, 10 मार्च तक 36 अरब डॉलर रहा निवेश
At 36 bllion dollor FPI inflows into equities at record high since FY13 RBI report

मुंबई, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) का भारतीय शेयर बाजारों में निवेश चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक 36 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार यह वित्त वर्ष 2012-13 के बाद से शेयरों में एफपीआइ के निवेश का सर्वोच्च स्तर है। दूसरी ओर, शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) जनवरी के अंत तक बढ़कर 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया। एक साल पहले यह 36.3 अरब डॉलर पर था। नवंबर और दिसंबर में जबर्दस्त प्रवाह से एफडीआइ बढ़ा है। 

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दिसंबर में एफडीआइ का स्तर रिकॉर्ड 6.3 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के मार्च के बुलेटिन के अनुसार शेयरों में निवेश घटने की वजह से जनवरी में एफडीआइ प्रवाह नीचे आया। बुलेटिन में कहा गया, 'एफपीआइ ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी सेग्मेंट में शुद्ध लिवाली की है। वहीं इस अवधि के दौरान डेट या बांड बाजार में वे शुद्ध बिकवाल रहे हैं। 

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कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में 10 मार्च तक एफपीआइ ने शेयरों में शुद्ध रूप से 36 अरब डॉलर डाले हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में एफपीआइ के निवेश की गुणवत्ता सुधरी है। फरवरी के अंत तक कैटेगरी-एक के विदेशी निवेशकों मसलन केंद्रीय बैंक, सॉवरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड, रेग्युलेटेड एंटीटीज, बहुपक्षीय संगठनों का कुल इक्विटी परिसंपत्तियों में हिस्सा बढ़कर 95 फीसद के उच्च स्तर पर पहुंच गया। दिसंबर, 2019 के अंत तक यह 87 फीसद पर था।

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