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AstraZeneca ने Nasscom से मिलाया हाथ, हेल्थकेयर प्रोग्राम में तेजी लाने का इरादा

एस्ट्राजेनेका पीएलसी में बोर्ड के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन लीफ जोहानसन ने कहा कि एस्ट्राजेनेका भारत में स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 05:13 PM (IST)
AstraZeneca ने Nasscom से मिलाया हाथ, हेल्थकेयर प्रोग्राम में तेजी लाने का इरादा
AstraZeneca ने Nasscom से मिलाया हाथ, हेल्थकेयर प्रोग्राम में तेजी लाने का इरादा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वैश्विक बायोफार्मास्युटिकल प्रमुख एस्ट्राजेनेका ने इंडस्ट्रियल बॉडी नैस्कॉम से हाथ मिलाया है ताकि हेल्थकेयर सेक्टर के भारतीय स्टार्ट्अप्स को और आगे बढ़ाया जा सके। गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड (एजेडपीआईएल) की स्थापना 1979 में हुई थी और इसका मुख्यालय बैंगलुरु में है।

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इंडिया-स्वीडन उन्नति हेल्थकेयर 2.0 डे में कंपनी और उसके पार्टनर बिजनेस स्वीडन, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेसकॉम), अटल इनोवेशन मिशन-नीति आयोग और अग्नि ने उन्नति हेल्थ केयर इनोवेशन चैलेंज के फाइनलिस्ट की घोषणा की।

एस्ट्राजेनेका ने यहां पर नैस्कॉम-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इंटरनेट ऑफ थिंग्स के साथ एक रणनीतिक साझेदारी शुरू की ताकि भारतीय स्टार्ट-अप्स को भारत में और भारत से बाहर भी, एनसीडी (गैर-संचारी रोग) देखभाल के लिए नए समाधान विकसित करने में मदद करने के लिए एक एक्सीलेटर प्रोग्राम तैयार किया जा सके।

एस्ट्राजेनेका पीएलसी में बोर्ड के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन लीफ जोहानसन ने कहा, "एस्ट्राजेनेका भारत में स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भारत में गैर-संचारी रोगों से प्रभावित रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार, स्टार्ट-अप इको-सिस्टम और उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग करते हुए बहुत खुश हैं।"

एमएचएफडब्ल्यू के सेक्रेटरी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर बलराम भार्गव ने कहा, "भारत में हेल्थ केयर को बढ़ावा देने के लिए तीन काम होने चाहिए। मेडिकल डिवाइस स्टार्टअप्स बनने चाहिए, बल्क में प्रोडक्शन होना चाहिए और भारत में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आनी चाहिए। साथ ही लो कॉस्ट डिवाइस भी तैयार होनी चाहिए। साथ ही लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया जाना भी जरूरी है। हमें मेडिकल के स्वीडन मॉडल को अपनाने की जरूरत है।"

नैस्कॉम के प्रेसिडेंट देबजानी घोष ने कहा, "प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी प्रौद्योगिकियां स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को नया आकार दे रही हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), क्लाउड और बिग डेटा का डेटा रिकॉर्ड करना और उनका उपयोग करना भी स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने में सहायक रहा है। हम भारत में गैर-संचारी रोगों की देखभाल में सुधार के लिए लीक से हट कर समाधान विकसित करने लिहाज से नैस्कॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंटरनेट ऑफ थिंग्स में एक एक्सीलेटर प्रोग्राम शुरू करने के लिए एस्ट्राजेनेका का साथ पाकर खुश हैं।

भारत के लिए स्वीडन के व्यापार आयुक्त कस्टर्न ग्रोब्लाड ने बताया, "उन्नति’, इस उद्योग में साथ मिल कर नवाचार को प्रोत्साहित करने का एक मॉडल है, स्टार्टअप और सिविल सोसायटी के लिए यह एक ऐसा मॉडल है जो वैश्विक सामाजिक आवश्यकताओं के मद्देनजर संयुक्त रूप से समाधान विकसित करना संभव करता है। हम एस्ट्राजेनेका, अग्नि और अटल इनोवेशन मिशन- नीति आयोग के साथ सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की साझा दृष्टिकोण वाली साझेदारी करके खुश हैं।"


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