भारत की चिंताओं को देखते हुए FTA की समीक्षा पर सहमत हुए आसियान देश
इंडस्ट्री और बिजनेस समूहों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी मंत्री इस बात पर सहमत हैं कि भारत और आसियान के बीच साल 2009 में हुए इस समझौते की समीक्षा की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की चिंताओं को देखते हुए आसियान देश मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा पर सहमत हो गए हैं। आसियान ने माना है कि आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एफटीए को ज्यादा बिजनेस फ्रेंडली बनाने की जरूरत है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह संगठन एक संयुक्त समिति बनाने को भी राजी हो गया है। थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में एफटीए की समीक्षा को लेकर सहमति बनी। भारत की ओर से वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में समीक्षा की बात को शामिल किया गया।
बयान में कहा गया है कि इंडस्ट्री और बिजनेस समूहों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी मंत्री इस बात पर सहमत हैं कि भारत और आसियान के बीच साल 2009 में हुए इस समझौते की समीक्षा की आवश्यकता है। मंत्रियों ने अब इसकी जिम्मेदारी अधिकारी स्तर पर सौंप दी है जो अगली मंत्री स्तरीय बैठक से पूर्व समझौते की समीक्षा करेंगे और अपनी रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करेंगे। आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलिपींस, लाओस और वियतनाम शामिल हैं। भारत और आसियान देशों के बीच 2018 में 80.8 अरब डॉलर का कारोबार हुआ जो साल 2017 में 73.6 अरब डॉलर का था।
एफटीए समीक्षा की जरूरत क्यों
विभिन्न देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों के चलते कस्टम ड्यूटी घटने से स्टील, पेट्रोकेमिकल्स, टेक्सटाइल जैसे उत्पादों का भारत में आयात काफी बढ़ गया, जिससे घरेलू इंडस्ट्री की परेशानियां बढ़ीं।