6 दिसंबर को RBI की ओर से ब्याज दरें घटने की संभावना कम, HDFC का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक की आगामी द्विमासिक नीतिगत बैठक छह दिसंबर को होनी है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की बैंकिंग प्रणाली से अतिरिक्त नकदी बाहर होने के कारण ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं। यानि कि बैंकों की ओर से कर्ज सस्ता होने की संभावना कम है। यह बात एचडीएफसी बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर परेश सक्तांकर ने कही है।
उन्होंने बताया कि जमा और कर्ज दोनों दरें अपने निम्नतम स्तर पर है। निकट भविष्य में इसमें और कटौती की गुंजाइश कम है। आरबीआई की अगली एमपीसी बैठक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश में महंगाई और तेल को देखते हुए यह साफ पता चलता है कि ब्याज दरों में और कटौती की कोई गुजाइंश नहीं दिख रही है।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग प्रणाली में जितनी भी अतिरिक्त नकदी थी, वो अब धीरे-धीरे खत्म हो चुकी है। “ब्याज दरें निचले स्तर पर है। मैं यह नहीं कह रहा कि चीजें एकदम से अपना रुख बदल सकती हैं। लेकिन ब्याज दरें कुछ समय तक बरकरार रहेंगी।”
हाल ही में कई बैंकों ने, विशेष रूप से होम और व्हीकल लोन की, ब्याज दरों में कटौती की है ताकि त्यौहरी सीजन में मांग का फायदा उठाया जा सके। जब उनसे आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति से अपेक्षाओं को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया फिलहाल यह कहना बहुत मुश्किल है कि आरबीआई क्या फैसला लेगा।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की आगामी द्विमासिक नीतिगत बैठक छह दिसंबर को होनी है। अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारिक मुद्रास्फीति की दर 3.58 फीसद रही जो सितंबर में 3.28 फीसद रही थी। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 60 डॉलर के पार हो गई हैं। इसी को देखते हुए आरबीआई की ओर से आगामी नीतिगत बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।