भारत FY19 में 8% GDP विकास दर को पार कर लेगा: पानगड़िया
भारत एक दशक से भी कम समय में ब्रिटेन, जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पानगड़िया ने देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर को लेकर बेहद सकारात्मक जाहिर की है। उन्होंने जताई कि देश चालू वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में आठ फीसद से ऊपर की जीडीपी विकास दर हासिल कर लेगा। पानगड़िया ने कहा कि भारत एक दशक से भी कम समय में ब्रिटेन, जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया गिरावट से देश की अर्थव्यवस्था पर कोई चिंताजनक असर नहीं पड़ने वाला है।
पानगड़िया का कहना था कि वृहत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश की स्थिति बेहद मजबूत है और हाल के दिनों में रुपये के टूटने का कोई नकारात्मक असर नहीं दिखने वाला है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से रुपये में गिरावट की संभावना बनी हुई थी। अगर ऐसा नहीं होता तो देश के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ता। ऐसे में इसका थोड़ा-बहुत गिरना जरूरी भी था। उनके मुताबिक एक्सचेंज रेट के प्रबंधन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने बेहद सूझ-बूझ के साथ देश की विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया।
अगले वर्ष आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार द्वारा कुछ लोक-लुभावन योजनाएं लांच किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इस बारे में नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन का कहना था कि उन्हें सरकार से फिलहाल ऐसे किसी कदम की नहीं है। पानगड़िया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं नहीं समझता कि थोड़े से फायदे के लिए वे देश के भविष्य को को जोखिम में नहीं डालेंगे।’
उन्होंने कहा कि तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था के लिए पांच फीसद तक के आसपास की महंगाई दर कतई चिंता का विषय नहीं है। गौरतलब है कि इस वर्ष जुलाई में महंगाई दर घटकर 4.2 फीसद रही थी, जो जून में 4.9 फीसद थी।
रुपये का बुरा वक्त खत्म: एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक की इंडिया इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता ने रविवार को कहा कि रुपये का बुरा वक्त अब खत्म सा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव में बड़ी गिरावट आ चुकी है और अब इसके दुर्दिन लगभग खत्म हो गए हैं। रुपये का उचित मूल्य 68-69 है और सितंबर के अंत तक रुपया इस मूल्य पर स्थिर होगा। गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव नवंबर में होने हैं।