जन-धन खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्य शर्त नहीं होगी लागू: अरुंधती भट्टाचार्य
एसबीआई की चेयरमैन अरूंधती भट्टाचार्या ने स्पष्ट किया है कि मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता प्रधानमंत्री जनधन खातों और बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट पर लागू नहीं होंगी।
नई दिल्ली: एसबीआई की चेयरमैन अरूंधती भट्टाचार्या ने स्पष्ट किया है कि मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता के संबंध ने जो स्टेट बैंक की ओर से पेश किए हैं, जिन्हें 1 अप्रैल से लागू किया जाना हैं वो प्रधानमंत्री जनधन खातों और बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट पर लागू नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक हमें पता है सभी बैंकों में पहले से ही ऐसे शुल्क हैं। भट्टाचार्या ने कहा, “ऐसे लोगों की ओर से गलत धारणाएं बनाई जा रही हैं जिन्हें नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।” गौरतलब है कि साल 2012 में एसबीआई ने ग्राहक आधार बढ़ाने के लिए बैंक खातों पर न्यूनतम राशि की बंदिश को हटा दिया था।
सरकार ने SBI से कहा, ‘मिनिमम बैलेंस’ रखने वाले फैसले पर फिर से करे विचार: रिपोर्ट
सरकार ने सोमवार को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से कहा है कि वो बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी लागू करने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करे। एसबीआई का यह नया नियम आगामी एक अप्रैल से लागू किया जाना है, जिससे सीधे तौर पर 31 करोड़ सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर (बचत खाता धारक) प्रभावित होंगे।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से यह भी कहा गया है कि वो उन तमाम शुल्क पर विचार करे जो नकद लेन-देन और एटीएम से एक तय सीमा के ऊपर की निकासी पर लागू होंगे। आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक एसबीआई ने हाल ही में घोषणा की थी कि वो उन सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर से 20 रुपए से लेकर 100 रुपए तक का शुल्क वसूलेगी जो अपने खातों में मिनिमम एवरेज बैलेंस (एमएबी) नहीं रखेंगे। वहीं चालू खाता धारकों के लिए यह शुल्क 500 रुपए तक हो सकता है। आपको बता दें कि एमएबी के उल्लंघन के मामले में जुर्माना लगाने का प्रावधान पांच साल बाद फिर लागू किया जा रहा है।