Move to Jagran APP

इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर व्यापार में मुनाफा दिखाने के लिए अनुचित तरीका अपनाने का आरोप

उस दौरान भी व्हिसलब्लोअर की ओर से ही शिकायत आई थी। इसे कंपनी की इंटरनल कमेटी ने निराधार बताया था।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 08:43 AM (IST)
इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर व्यापार में मुनाफा दिखाने के लिए अनुचित तरीका अपनाने का आरोप
इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर व्यापार में मुनाफा दिखाने के लिए अनुचित तरीका अपनाने का आरोप

बेंगलुरु, आइएएनएस। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस के कुछ अज्ञात कर्मचारियों (व्हिसलब्लोअर्स) ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है। इस शिकायत में कंपनी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर व्यापार में मुनाफा दिखाने के लिए अनुचित तरीके अपनाने की बात कही है। कंपनी ने इसके जवाब में कहा है कि व्हिसलब्लोअर की शिकायत को नियमों के मुताबिक ऑडिट कमेटी के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है। वहां व्हिसिलब्लोअर नियमों के मुताबिक इसका समाधान किया जाएगा।

loksabha election banner

स्वयं को एथिकल एंप्लॉई कहने वाले इन कर्मचारियों ने कंपनी के बोर्ड को पत्र लिखकर कहा कि आरोपितों के ई-मेल और वॉइस रिकॉर्डिग से साफ होता है कि ये कई तिमाहियों से अनुचित कारोबारी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कंपनी बोर्ड को यह पत्र 20 सितंबर को लिखा गया था। बोर्ड की ओर से पत्र का जवाब नहीं मिलने पर इन कर्मचारियों ने तीन अक्टूबर को अमेरिका स्थित ऑफिस ऑफ द व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन प्रोग्राम को इस मामले से अवगत कराया था।

ये हैं आरोप- जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान अधिक मुनाफा दिखाने के लिए व्हिसलब्लोअर्स से वीजा लागतों को कम करने के लिए कहा गया- 353 करोड़ रुपये के रिवर्सल को भी नजरंदाज करने के लिए दबाव डाले जाने की बात कही गई है- अधिकारियों ने मुनाफा बढ़ाकर स्टॉक्स की ऊंची कीमत बनाए रखने के लिए गैरकानूनी कदम उठाए- वेरिजॉन, इंटेल और संयुक्त उपक्रमों जैसे बड़े सौदों में हेराफेरी की गई, ऑडिटर्स और कंपनी बोर्ड से संवेदनशील जानकारियां छिपाई गई- पारेख ने कर्मचारियों से कहा था कि बोर्ड के सामने बड़ी डील के आंकड़े और महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारियां नहीं रखी जाएं।

सीईओ-सीएफओ ने ऐसा कहा था

व्हिसलब्लोअर्स के मुताबिक सीईओ और सीएफओ ने कहा कि बोर्ड के सदस्य तकनीकी बातों को नहीं समझते। जब तक शेयर की कीमत ऊपर रहेगी, वे खुश रहेंगे। वे लोग बेकार के तर्क रखेंगे, इसके लिए आप सिर्फ सिर हिलाते रहिए बाकी सब नजरंदाज कर दीजिए।

पहले भी लगते रहे हैं आरोपकंपनी पर इससे पहले भी वित्तीय अनियमितता के आरोप लग चुके हैं। हाल में ही कंपनी द्वारा इजरायल की ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी कंपनी पनाया की खरीद के समय भी अनियमितताओं के आरोप लगे थे। उस दौरान भी व्हिसलब्लोअर की ओर से ही शिकायत आई थी। इसे कंपनी की इंटरनल कमेटी ने निराधार बताया था। इसके अलावा 2017 में कंपनी के फाउंडर्स और पूर्व-प्रबंधन के बीच तनाव पैदा हो गया था। उस मामले में कंपनी के तत्कालीन सीईओ विशाल सिक्का ने इस्तीफा दे दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.