अनिल अंबानी पर अवमानना केस की सुनवाई आज
एरिक्सन ने इन लोगों पर 550 करोड़ रुपये बकाया चुकता नहीं करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन इंडिया की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी एवं अन्य के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई टाल दी। अब इस मामले में सुनवाई बुधवार को होगी। एरिक्सन ने इन लोगों पर 550 करोड़ रुपये बकाया चुकता नहीं करने का आरोप लगाया है।
अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इन्फ्राटेक लिमिटेड की चेयरपर्सन छाया वीरानी को शीर्ष अदालत ने सात जनवरी को अवमानना नोटिस जारी किया था। मंगलवार को सभी प्रतिवादी कोर्ट में हाजिर थे।
जस्टिस आरएफ नरीमन एवं विनीत शरण की पीठ ने कहा कि समय की कमी के कारण याचिका पर बुधवार सुनवाई होगी। पीठ ने कहा कि भोजन सत्र के बाद विशेष पीठ बैठेगी और तब याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकेगी।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान स्वीडिश टेलीकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि रिलायंस ने कई मौकों पर अवमानना की है। आरकॉम ने शीर्ष कोर्ट के दो आदेशों का उल्लंघन किया है। यहां तक कि शपथ के तहत उन्होंने झूठी सूचना दी है।
रिलायंस की ओर से मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल पेश हुए। दोनों वरिष्ठ वकीलों ने कहा कि कोई अवमानना नहीं की गई है। हमने खराब हालत में चल रही कंपनी को बचाने का प्रयास किया है।
रोहतगी ने कहा कि टेलीकॉम कंपनी की संपत्तियां रिलायंस जियो को 25000 करोड़ में बेचने का सौदा गिर गया और अब वे ऋण शोधन अक्षमता की स्थिति में हैं। एरिक्सन ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया कोड में कार्यवाही चाहते हैं और अब हम इसके तहत हैं।
अनिल अंबानी की रिलायंस पावर (आरपावर) ने बाजार नियामक सेबी से एडलवाइज समूह को पूंजी बाजार में प्रवेश करने से तत्काल रोकने की मांग की है। आरपावर ने एडलवाइज पर अवैध और बाजार को अव्यवस्थिति करने वाले काम करने का आरोप लगाया है, जिससे आरपावर के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। रिलायंस समूह ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि एलएंडटी फाइनेंस और एडलवाइज समूह की कंपनियों ने अवैध तौर पर और किसी मंशा के तहत कदम उठाया और अनिल अंबानी समूह की तीन कंपनियों के गिरवी रखे शेयरों को खुले बाजार में बेच दिया, जिससे उन कंपनियों के शेयर भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई। इस आरोप को खारिज करते हुए एलएंडटी फाइनेंस और एडलवाइज समूह ने कहा कि रिलायंस समूह समय पर भुगतान करने में विफल रहा, जिसके कारण गिरवी रखे शेयरों को बेचना पड़ा।