JNU हिंसा की प्रमुख उद्योगपतियों ने की निंदा, कहा- हिंसा करने वालों की जल्द हो गिरफ्तारी
JNU की घटना को Biocon की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट कर अक्षम्य बताया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आनन्द महिंद्रा, किरण मजूमदार शॉ और हर्ष मारीवाला सहित देश के कई प्रमुख उद्योगपतियों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार को हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि इस हिंसा को अंजाम देने वाले लोगों को जल्द-से-जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। Mahindra Group के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा ने इस घटना पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि भारत में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। Marico Ltd के चेयरमैन हर्ष मारीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि कल शाम की खबर काफी धक्का पहुंचाने वाली है।
महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, "इससे कोई मतलब नहीं है कि आप किसी चीज की राजनीति करते हैं। आपकी विचारधारा से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। आपकी आस्था से भी कोई मतलब नहीं है। अगर आप भारतीय हैं तो आप इस तरह हथियार के साथ, कानून को हाथ लेकर की जाने वाली गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जेएनयू में घुसने वाले लोगों को जल्द-से-जल्द से गिरफ्तार किया जाना चाहिए...."
It doesn't matter what your politics are. It doesn't matter what your ideology is. It doesn't matter what your faith is. If you're an Indian, you cannot tolerate armed, lawless goons. Those who invaded JNU tonight must be traced & hunted down swiftly & given no quarter...— anand mahindra (@anandmahindra) January 5, 2020
मारीवाला ने ट्वीट कर कहा कि अहिंसा के लिए मशहूर धरती पर इस तरह की हिंसा बहुत अशोभनीय है।
Coming from the land of non-violence, it’s unbecoming of us to witness and encourage these acts of violence. Extremely hurt seeing last evening’s news .— Harsh Mariwala (@hcmariwala) January 6, 2020
Biocon की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट किया, ''यह अक्षम्य है। हिंसा को माफ नहीं किया जा सकता है।''
This is unpardonable. Violence cannot be condoned. https://t.co/ASulCmtQRU" rel="nofollow— Kiran Mazumdar Shaw (@kiranshaw) January 5, 2020
उल्लेखनीय है कि डंडों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने रविवार को जेएनयू में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाई। इसके बाद स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए प्रशासन को पुलिस को फोन करना पड़ा था।