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Reliance-Future की डील फिर अटकी, Amazon को सुप्रीम कोर्ट से राहत

Future retail (FRL) और रिलायंस रिटेल (Reliance retail) के बीच 24 हजार करोड़ की डील फिर अटक गई है। इस डील के खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। इसमें Amazon को राहत मिली है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 11:51 AM (IST)
Reliance-Future की डील फिर अटकी, Amazon को सुप्रीम कोर्ट से राहत
24,713 करोड़ रुपये में FRL का रिलायंस रिटेल के साथ विलय होने वाला था। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Future retail (FRL) और रिलायंस रिटेल (Reliance retail) के बीच 24 हजार करोड़ की डील फिर अटक गई है। इस डील के खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। इसमें Amazon को राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सिंगापुर आपात पंचाट का यह फैसला भारतीय कानून के तहत वैध है। Emergency arbitration (EA) का फैसला सिंगापुर की तरह यहां भी लागू होगा।

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24,713 करोड़ रुपये में FRL का रिलायंस रिटेल के साथ विलय होने वाला था। इस सौदे को लेकर अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon.com एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स और फ्यूचर रिटेल के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा है। जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने इस वृहद सवाल पर गौर किया और फैसला दिया कि किसी विदेशी कंपनी के EA का फैसला भारतीय मध्यस्थता और सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है बावजूद इसके कि ईए शब्द का प्रयोग यहां मध्यस्थता कानूनों में नहीं किया गया है।

पीठ ने कहा कि ईए का आदेश धारा 17 (1) के तहत आने वाला आदेश है और इसे मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत लागू करने योग्य है।

अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल के बीच इस सौदे को लेकर विवाद था और अमेरिका स्थित कंपनी ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि ईए का फैसला वैध और लागू करने योग्य बताया जाए।

जुलाई में आया था केस

जुलाई में सुनवाई के दौरान जस्टिस आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने कहा था कि हम इस पर गौर करेंगे कि क्या EA का फैसला मधयस्थता और सुलह कानून की की धारा 17 (1) के तहत आता है। यह धारा पंचाट न्यायाधिकरण के अंतरिम फैसले से संबंधित है। साथ ही क्या इस फैसले का प्रवर्तन कानून की धारा 17 (2) के तहत किया जा सकता है। कोर्ट के आज के फैसले से इस संशय पर से पर्दा उठ गया है।

FRL के वकील हरीश साल्वे ने पिछली सुनवाई में पंचाट निर्णय की वैधता और इसके प्रवर्तन का उल्लेख किया था। एकल न्यायाधीश ने अमेजन को राहत देते हुए कहा था कि EA का फैसला प्रवर्तन योग्य है। साल्वे ने कहा कि यह एक तरह से पंचाट और सुलह कानून में संशोधन करने जैसा है। इस पर पीठ ने कहा था कि हम यह फैसला करेंगे कि क्या EA का फैसला टिकने योग्य है और क्या इस आदेश का प्रवर्तन हो सकता है।

क्‍या है पूरा विवाद

Amazon और Future Group के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। अमेरिकी कंपनी ने फ्यूचर समूह के खिलाफ सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण में मामला दर्ज किया है। उसकी दलील है कि भारतीय कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर अनुबंध का उल्लंघन किया है।


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