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GST Compensation: जीएसटी क्षतिपूर्ति में भरपाई के लिए सभी राज्यों ने चुना पहला विकल्प, लंबे समय से चल रहा गतिरोध खत्म

GST Compensation जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। सभी 28 राज्यों और विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार द्वारा दिये गए पहले विकल्प का चयन किया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 02:32 PM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 01:08 PM (IST)
GST Compensation: जीएसटी क्षतिपूर्ति में भरपाई के लिए सभी राज्यों ने चुना पहला विकल्प, लंबे समय से चल रहा गतिरोध खत्म
वस्तु एवं सेवा कर परिषद (G S T)

नई दिल्ली, एजेंसी। जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। सभी 28 राज्यों और विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने जीएसटी के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिये गए पहले विकल्प का चयन किया है। झारखंड इस विकल्प को चुनने वाला अंतिम राज्य है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान से यह जानकारी मिली है।

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झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल ने पहले सरकार द्वारा दिये गए विकल्प नहीं लेने का फैसला किया था। लेकिन अब वे पहले विकल्प पर सहमत हो गए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए अलग-अगल शर्तों के साथ राज्यों को दो विकल्प दिए थे। पहला विकल्प 97,000 करोड़ रुपये का और दूसरा 2.35 लाख करोड़ रुपये का था। बाद में पहले विकल्प के अंतर्गत उधार लेने की सीमा को बढ़ाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। केंद्र ने यह राशि उधार लेने और राज्यों को ट्रांसफर करने पर सहमति व्यक्त की थी। बाद में दूसरे विकल्प को हटा दिया गया था।

केंद्र सरकार ने पहले विकल्प का चुनाव करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लिए स्पेशल उधार विंडो खोली है। यह विंडों 23 अक्टूबर, 2020 से संचालित हो रही है और भारत सरकार पहले ही राज्यों की तरफ से पांच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये उधार ले चुका है। यह राशि पहला विकल्प चुनने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जा चुकी है।

अब उधार के अगले चरण से झारखंड सरकार को भी इस विंडो के जरिए फंड प्राप्त होगा। छह हजार करोड़ की अगली किस्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सात दिसंबर को जारी होगी। केंद्र एक स्पेशल विंडो के तहत राज्यों को किस्तों में फंड का भुगतान जारी रखेगा। सभी राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी गई है।


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