सिर्फ Jio ने तय समयसीमा में किया AGR के बकाया का भुगतान, Airtel और Vodafone Idea कर रही सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार
दोनों कंपनियों ने दूरसंचार विभाग से यह निवेदन किया है कि उन्हें एजीआर के बकाया का भुगतान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी संशोधित याचिका की सुनवाई तक का समय दिया जाए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट को बताया है कि वे 88,624 करोड़ रुपये के बकाया एजीआर का भुगतान नहीं करेंगी और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करेंगी। गौरतलब है कि एजीआर के बकाया भुगतान का आज गुरुवार को आखिरी दिन था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ये दोनों कंपनिया अगले हफ्ते होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार कर रही हैं। वहीं, रिलायंस जियो ने गुरुवार को अपने वैधानिक बकाया के 195 करोड़ का भुगतान सरकार को कर दिया है। यह एक मात्र टेलिकॉम कंपनी है, जिसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई समयसीमा में बकाया का भुगतान किया है।
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग से यह निवेदन किया है कि उन्हें एजीआर (AGR) के बकाया का भुगतान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी संशोधित याचिका की सुनवाई तक का समय दिया जाए।
एक सूत्र ने पीटीआइ को बताया, 'वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) और एयरटेल (Airtel) ने दूरसंचार विभाग को बताया है कि वे एजीआर के बकाया के भुगतान की अंतिम तारीख 23 जनवरी को भुगतान नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल संसोधन याचिका के परिणाम का इंतजार करेंगी, जिसकी सुनवाई अगले हफ्ते होनी है।'
एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की इस अर्जी पर दूरसंचार विभाग ने कहा है कि वह टेलिकॉम कंपनियों द्वारा तय समयसीमा में बकाया भुगतान नहीं करने पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी।
यहां बता दें कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूसरी टेलिकॉम कंपनीज पर सरकार का करीब 1.47 लाख करोड़ बकाया है। टाटा कम्युनिकेशन, जिसमें सरकार के 26.12 फीसद शेयर हैं, ने भी दूरसंचार विभाग द्वारा 6,633 करोड़ के बकाया भुगतान की मांग को पूरा करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
विभिन्न टेलिकॉम कंपनीज पर सरकारी का 92,642 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 55,054 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क बकाया है।
जानिए क्या होता है एजीआर
दूरसंचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलिकॉम कंपनियों से लिए जाने वाले स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और लाइसेंसिग फीस को ही एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू या एजीआर कहते हैं। एजीआर के दो हिस्से होते हैं। पहला स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और दूसरा लाइसेंस शुल्क। यह 3-5 फीसद और 8 फीसद होता है। सरकार और दूरसंचार कंपनियों के बीच 14 सालों से एजीआर विवाद चल रहा है।