Move to Jagran APP

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत में कमी के हिसाब से, देश में घटेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम

अधिकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें तभी कम होंगी जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में मौजूदा गिरावट कुछ और दिनों तक बनी रहेगी क्योंकि घरेलू खुदरा कीमतें 15 दिनों के रोलिंग औसत पर तय की जाती हैं।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:35 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत में कमी के हिसाब से, देश में घटेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम
सरकारी सूत्र के अनुसार देश में ईंधन के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत के हिसाब से कम होंगे

नई दिल्ली, पीटीआइ। लंबे समय से देश भर में ईंधन के दाम स्थिर चल रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी देश के कई सारे हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटल से अधिक की कीमत पर बिक रहा है। इसी बीच अधिकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि, पेट्रोल और डीजल की कीमतें तभी कम होंगी जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में मौजूदा गिरावट कुछ और दिनों तक बनी रहेगी, क्योंकि घरेलू खुदरा कीमतें 15 दिनों के रोलिंग औसत पर तय की जाती हैं। नवंबर के दौरान (25 नवंबर तक) वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें मोटे तौर पर लगभग 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रही। 26 नवंबर को, एशियाई समय तक तेल की कीमतें लगभग 4 अमरीकी डालर प्रति बैरल तक गिर गई थीं। बाद में अमेरिकी बाजार के खुलने के बाद, ब्रेंट फ्यूचर्स में भारी बिकवाली के साथ, आईसीई लंदन में कीमतें लगभग 6 अमेरिकी डॉलर की गिरावट के साथ 72.91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुईं।

loksabha election banner

मामले पर बयान देते हुए सरकारी सूत्रों ने यह कहा कि, दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए संस्करण से आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है और ईंधन की मांग में कमी आ सकती है। राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेता इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करते हैं। कीमतों में हुआ हालिया संशोधन पिछले पखवाड़े में औसत बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय ईंधन दर पर आधारित है। इसलिए, हर रविवार को कीमत पिछले 15 दिनों के औसत से तय होती है।

शुक्रवार को दरों में हुई गिरावट से स्वाभाविक उम्मीद यह है कि खुदरा पंप दरों में भी कमी आएगी। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें नवंबर के अधिकांश दिनों में सीमित रही हैं। सूत्रों के अनुसार अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की दरों में गिरावट कुछ और दिनों तक बनी रही तो, घरेलू स्तर में तेल की खुदरा कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.