Move to Jagran APP

बीएसएनएल, एमटीएनएल के 92 हजार कर्मचारियों ने अपनाया वीआरएस

बाजारों में हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के साथ अपने ग्राहकों को ज्यादा संतुष्ट कर सकेंगी।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 08:25 PM (IST)
बीएसएनएल, एमटीएनएल के 92 हजार कर्मचारियों ने अपनाया वीआरएस
बीएसएनएल, एमटीएनएल के 92 हजार कर्मचारियों ने अपनाया वीआरएस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीएसएनएल और एमटीएनएल के 92 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस अपनाया है। कर्मचारियों की संख्या सीमित होने के बाद अब सरकार एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय करेगी तथा बीएसएनएल को एक लाभदायक पीएसयू में तब्दील करेगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में दी।प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने बताया कि बीएसएनएल में एमटीएनएल के विलय का असर पूरे देश में दिखाई देगा। इससे अन्य फायदों के अलावा आपरेशंस में तालमेल के अलावा स्थायी एवं ऊपरी खर्चो में कमी आएगी। विलय के परिणामस्वरूप दोनो कंपनियां ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।

loksabha election banner

पुनरुद्धार पैकेज के तहत दोनो कंपनियों के कर्मचारियों को 3 दिसंबर तक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना अपनाने का प्रस्ताव दिया गया था। संचार मंत्री ने कहा कि अधिक संख्या के कारण दोनो कंपनियों में कर्मचारियों पर होने वाला खर्च निजी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले बहुत अधिक था। दोनो कंपनियों सरकार की रणनैतिक परिसंपत्ति हैं और सरकार इन्हें अधिक पेशेवर और लाभप्रद बनाएगी। संचार मंत्री के अनुसार कैबिनेट ने बीएसएनएल और एमटीएएल को 4जी स्पेक्ट्रम आबंटित करने की मंजूरी दी है। इससे अब वे देश भर के डेटा सेंट्रिक बाजारों में हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के साथ अपने ग्राहकों को ज्यादा संतुष्ट कर सकेंगी। बीएसएनएल पूरे देश में जबकि एमटीएनएल केवल दिल्ली और मुंबई में आपरेट करती है।

प्रश्नकाल के दौरान जदयू सदस्य राजीव रंजन तथा आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने दिल्ली-एनसीआर में कॉल ड्रॉप का मुद्दा भी उठाया। राजीव रंजन ने बीएसएनएल को 'भाई साहब नहीं लगेगा' करार दिया तो जवाब में संचार मंत्री ने कहा कि इसे ठीक करने के लिए एमटीएनएल में तकनीकी उन्नयन की जरूरत है। लेकिन दिल्ली में मोबाइल टावर लगाना बहुत कठिन काम है। यहां तक कि संसद परिसर में टावर लगाने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा।प्रसाद ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टावरों के विकिरण को सुरक्षित स्तर पर बनाए रखने के लिए बेहद सख्त नियम बनाए हैं। ये इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन आयोनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (आइसीआइआरपी) द्वारा निर्धारित मानकों से दस गुना सख्त हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.