इनकम टैक्स रिटर्न भरने में इस बार चूके तो दोबारा नहीं मिलेगा मौका
बीते दो वित्तीय वर्ष बैंक खातों से आधार लिंक और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार के गवाह रहे हैं। लिहाजा ये आयकर रिटर्न और भी खास हो जाते हैं।
नई दिल्ली (नई दुनिया)। इनकम टैक्स को लेकर बदले नियम और सख्ती का असर आम करदाता पर भी पड़ने वाला है। दो वित्तीय वर्षों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने का 31 मार्च को आखिरी मौका है। यदि इस बार रिटर्न जमा नहीं किया तो फिर रिटर्न दाखिल करने का मौका नहीं मिलेगा। नतीजा आयकर विभाग की कार्रवाई के तौर पर भुगतना पड़ सकता है।
सीए स्वप्निल जैन के मुताबिक 31 मार्च 2018 वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 की आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अंतिम तिथि है। इसके बाद पोर्टल की विंडो बंद हो जाएगी। पहले रिटर्न जमा करने सामान्य तौर पर 2 वर्ष का समय मिल जाता था। बदले नियमों के चलते अब ऐसा मौका नहीं मिलेगा।
सीए भरत नीमा के मुताबिक बदले नियमों के तहत जारी वित्तीय वर्ष यानी जो 31 मार्च 2018 को खत्म हो रहा है उसका रिटर्न भी 4 महीनों के अंदर यानी 31 जुलाई 2018 तक भरना ही होगा। ऐसा नहीं करने पर धारा 234एफ के तहत लेट फीस लगेगी। यानी आप जारी वित्तीय वर्ष का रिटर्न अगले साल मार्च में जमा करेंगे तो आपको लेट फीस चुकाने की बाध्यता आ जाएगी।
नोटबंदी के चलते अहम
सीए स्वनिल जैन के मुताबिक बीते दो वित्तीय वर्ष बैंक खातों से आधार लिंक और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार के गवाह रहे हैं। लिहाजा ये आयकर रिटर्न और भी खास हो जाते हैं। इस दौरान खातों में यदि बड़ी धनराशि का लेन-देन हुआ है तो वह सभी आयकर विभाग की निगाह में है। ऐसे में रिटर्न भरने में लापरवाही पर लोगों को नोटिस, अभियोजन जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सामान्य नौकरीपेशा जो करदेयता की सीमा में आते हैं, लेकिन वेतनभोगी होने से फॉर्म-16 के आधार पर रिटर्न जमा करने से बच रहे हैं वे भी सावधान हो जाएं। आयकर विभाग रिटर्न जमा नहीं करने पर उन्हें भी अपवंचन का दोषी मानकर कार्रवाई कर सकता है।
एडवांस टैक्स में लापरवाही नहीं
इंदौर परिक्षेत्र के चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स अजयकुमार चौहान ने भी बयान जारी किया है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए अब रिटर्न जमा करना काफी आसान हो गया है। ऐसे में तमाम नागरिक जो कर योग्य आय अर्जित कर रहे हैं वे अपना कर ब्योरा दाखिल करें। आयकर सेवा केंद्रों में विभाग ने रिटर्न जमा करने में मदद के लिए टैक्स रिटर्न प्रिपेयर्स तैनात कर रखे हैं।
आम लोग उनकी मदद से आसानी से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। विभाग टीडीएस के आधार पर मामलों को चिन्हित कर तमाम कंपनियों में जाकर रिटर्न जमा करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। चीफ कमिश्नर चौहान के मुताबिक विभाग ऐसे आयकरदाताओं को भी पत्र भेज रहा है जो एडवांस टैक्स की 3 किस्त जमा कर चुके हैं और चौथी नहीं चुकाई है। एडवांस टैक्स में यदि कोई लापरवाही करते हुए उसे कम दिखाता है तो उसे फाइनल रिटर्न में ब्याज और पेनल्टी का सामना करना पड़ेगा।