Move to Jagran APP

इंसेंटिव के लाभ से वंचित रह गईं 25 हजार इंजीनियरिंग एमएसएमई

ईईपीसी का कहना है कि की मध्यावधि समीक्षा ने इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र को निराश किया है। खासतौर पर एमएसएमई क्षेत्र की दृष्टि से

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 01:57 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 01:57 PM (IST)
इंसेंटिव के लाभ से वंचित रह गईं 25 हजार इंजीनियरिंग एमएसएमई
इंसेंटिव के लाभ से वंचित रह गईं 25 हजार इंजीनियरिंग एमएसएमई

नई दिल्ली (जेएनएन)। विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा में मर्चेडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया (एमईआइएस) स्कीम के तहत इंसेंटिव में वृद्धि के लाभ से करीब 25 हजार छोटे और मझोले उद्यमी वंचित रह गए हैं। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) का कहना है कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में श्रम आधारित उद्योगों से जुड़ी ये यूनिटें स्कीम का लाभ नहीं उठा पाएंगी। काउंसिल ने अपनी इस चिंता से वाणिज्य मंत्रालय को भी अवगत करा दिया है।

loksabha election banner

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सीआर चौधरी को लिखे पत्र में ईईपीसी के चेयरमैन टीएस भसीन ने कहा है कि ये इकाइयां पूरी तरह श्रम आधारित हैं। सभी अति लघु, लघु और मझोले उद्यमों की श्रेणी (एमएसएमई) में आती हैं। की मध्यावधि समीक्षा में एमईआइएस के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन यानी इंसेंटिव में दो फीसद की वृद्धि की है। निर्यातकों को इस एलान के जरिये आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है। इस बारे में ईईपीसी का कहना है कि इससे इंजीनियरिंग क्षेत्र के एमएसएमई को स्कीम का फायदा नहीं मिल रहा है। खासतौर पर कृषि व बागबानी क्षेत्र की मशीनरी बनाने वाली यूनिटों, हैंडटूल, साइकिल इंडस्ट्री से जुड़ी इकाइयों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

ईईपीसी के चेयरमैन ने पत्र में कहा है कि हमारे क्षेत्र की यूनिटें की मध्यावधि समीक्षा के दायरे से बाहर रह गई हैं। यही वजह है कि इन्हें प्रोत्साहन का लाभ पाने वाली यूनिटों मंइ शामिल नहीं किया जा सका है। भसीन ने वाणिज्य राज्य मंत्री से हस्तक्षेप कर इस विसंगति को दूर कराने का आग्रह किया है। जल्द ही इंजीनियरिंग क्षेत्र के संगठनों की शीर्ष संस्था मंत्रालय से मुलाकात कर अपनी चिंताओं को सरकार के समक्ष रखेगी।

ईईपीसी का कहना है कि की मध्यावधि समीक्षा ने इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र को निराश किया है। खासतौर पर एमएसएमई क्षेत्र की दृष्टि से। ईईपीसी के 60 फीसद से अधिक सदस्य एमएसएमई क्षेत्र के हैं। इंजीनियरिंग उद्योग की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे रोजगार में इनकी हिस्सेदारी 30 फीसद है। यही नहीं, संगठित क्षेत्र की कुल इकाइयों में इंजीनियरिंग क्षेत्र की एमएसएमई यूनिटों की हिस्सेदारी 27 फीसद है। इंजीनियरिंग सेक्टर के केवल कुछ ही उत्पादों को एमईआइएस का लाभ मिल पाया है, जबकि कुल इंजीनियरिंग उत्पादों की संख्या 3,000 से भी अधिक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.