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10th India-UK EFD: भारत एवं ब्रिटेन द्विपक्षीय 'सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम' की स्थापना को लेकर हुए सहमतः वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन एक द्विपक्षीय सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम की स्थापना को लेकर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग बढ़ा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 04:31 PM (IST)
10th India-UK EFD: भारत एवं ब्रिटेन द्विपक्षीय 'सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम' की स्थापना को लेकर हुए सहमतः वित्त मंत्री
(PC: Ministry of Finance Official Twitter Handle)

नई दिल्ली, एएनआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को यूके-इंडिया पार्टनरशिप ऑन इन्फ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी एंड फाइनेंसिंग पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत के नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट को मदद मिलेगी। 10वें भारत-ब्रिटेन इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल डायलॉग (EFD) के दौरान गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (GIFT) सिटी  को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर विकास को गति देने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक करार हुआ। 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और ब्रिटेन एक द्विपक्षीय सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम की स्थापना को लेकर सहमत हुए हैं। सीतारमण ने कहा कि भारत का 1.4 लाख करोड़ डॉलर का नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और सिटी ऑफ लंदन सतत वित्त के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस साझेदारी से प्रोजेक्ट प्रिपरेशन सपोर्ट फैसिलिटी कम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पीपीपी प्रोजेक्ट्स की स्थापना में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग बढ़ा है।

सीतारमण ने कहा कि यूके रिसर्च एंड इनोवेशन (UKRI) और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च ने ब्रिटेन-भारत व्यापार और निवेश के भविष्य को लेकर 2.6 मिलियन यूरो का संकल्प जाहिर किया है।

अपने संबोधन के अंत में सीतारमण ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया और कहा कि वह 11वें भारत-ब्रिटेन इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल डायलॉग को लेकर काफी अधिक आशान्वित हैं।

इसी बीच एक अन्य कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि बैंक इस बात का निर्णय करने वाले ना रहें कि उन्हें किन लोगों को MSMEs के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लाभ देना है और किन्हें नहीं। उन्होंने कहा कि इनकार करने का अधिकार बैंकों को नहीं बल्कि ग्राहकों को है।


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